Pakistan Election 2024 Update: पाकिस्तान में गुरुवार (8 फरवरी) को आम चुनाव के लिए मतदान होने वाले हैं, जिससे अगले पांच वर्षों के लिए देश में नई सरकार का गठन होगा. इस चुनाव में 5,121 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इनमें से 4,806 पुरुष, 312 महिलाएं और दो ट्रांसजेंडर उम्मीदवार हैं. गुरुवार को भारतीय समयानुसार सुबह 8.30 बजे शुरू होगी और शाम 5:30 बजे तक चलेगी.
पाकिस्तान आम चुनाव को लेकर गुरुवार (7 फरवरी) को लगभग 6 लाख 50 हजार सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है. वहीं आर्मी से नाराज लोग नारा लगा रहे हैं कि ये इलेक्शन नहीं सेलेक्शन है और पाकिस्तान आर्मी ने नवाज शरीफ की पार्टी को सेलेक्ट कर लिया है. ऐसे लोगों का मानना है कि आर्मी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री बनते देखना चाहती है.
पाकिस्तान में कितनी सीटों पर वोट डाले जाएगें?
पाकिस्तान नेशनल असेंबली में कुल 336 सीटें हैं, जिनमें से 266 सीटों के लिए लोग मतदान करते हैं. इनमें से 60 सीटें महिलाओं और 10 सीटें गैर-मुस्लिमों के लिए आरक्षित होती है. पंजाब प्रांत में सबसे ज्यादा 141 सीटें, सिंध में 75 सीटें, खैबर पख्तूनख्वा में 55 सीटें, बलूचिस्तान में 20 सीटें और इस्लामाबाद में 3 सीटें हैं. यहां 12.85 करोड़ मतदाता हैं, जिसमें 6.85 करोड़ पुरुष जबकि 5.84 करोड़ महिला मतदाता हैं. साल 2018 के बाद 2.25 करोड़ मतदाता बढ़े हैं, जिसमें 1.25 करोड़ महिलाएं हैं.
पोलिंग सेंटर की संख्या
पाकिस्तान आम चुनाव के लिए कुल 90 हजार 582 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. इन मतदान केंद्रों में अत्यधिक संवेदनशील मतदान केंद्र लगभग 17 हजार 500, संवेदनशील मतदान केंद्र 32 हजार 508 और सामान्य मतदान केंद्र लगभग 42 हजार 500 हैं. साल 2018 के आम चुनावों में 52 फीसदी लोगों ने वोट डाला था.
हिंदू और अल्पसंख्यक वोटरों की संख्या
पाकिस्तान में 36 लाख अल्पसंख्यक वोटर है, जिसमें 18 लाख हिंदू वोटर हैं. सभी मतदाता वोटर मतपत्र के जरिए मतदान करेंगे. पाकिस्तान में बैलट पेपर से वोट डाले जाने के ठीक बाद मतगणना शुरू जाएगी. पोलिंग बूथ पर अधिकारी हाथ से वोटों की गिनती करेगें और देर रात नतीजे आने की उम्मीद है. यहां आम चुनाव के लिए 26 करोड़ बैलेट पेपर छापे गए हैं, जिसका कुल वजन करीब 2100 टन है.
पाकिस्तान की पॉलिटिक्स के 3 खिलाड़ी
नवाज शरीफ- पाकिस्तान मुस्लिम लीग के प्रमुख नवाज शरीफ के चौथी बार प्रधानमंत्री बनने की उम्मीद है. अर्थव्यवस्था और फ्री मार्केट पर अच्छी पकड़ रखने वाले नवाज शरीफ भारत के साथ रिश्तों को सुधारना चाहते हैं. उन्होंने अपनी पार्टी के मेनिफेस्टो में भारत के साथ शांति के संदेश का वादा किया है, लेकिन इसके साथ उन्होंने एक शर्त भी रखी है. शर्त में उन्होंने कहा है कि यदि भारत कश्मीर से हटाए गए अनुच्छेद-370 को वापस लागू कर देगी तो वो भारत के साथ शांति संदेश स्थापित करेंगे.
बिलावल भुट्टो जरदारी- पाकिस्तान पीपल पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो (35 वर्ष) और उनके पिता आसिफ अली जरदारी की नेतृत्व वाली पीपीपी 2008 के बाद से दोबारा सत्ता में लौटने के लिए प्रयास कर रही है. बिलावल भुट्टो की मां बेनजीर भुट्टो 2 बार पाकिस्तान की प्रधानमंत्री रही हैं. पीपीपी को साल 2018 में 43 और 2013 में 34 सीटों पर जीत मिली थी.
इमरान खान- इमरान खान को साल 2022 में प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया था और उन पर चुनाव लड़ने से रोक लगा दी गई थी. पाकिस्तान की सेना के साथ तनावपूर्ण संबंधों के बाद भी इमरान खान की पार्टी चुनावों में अहम प्रभाव डाल सकती है. उनके ऊपर फिलहाल 150 से अधिक मामले दर्ज हैं. उनके ऊपर भ्रष्टाचार के साथ-साथ कई अन्य बड़े आरोप लगे हैं. फिलहाल कोर्ट ने उन्हों 14 साल की सजा सुनाई है.
पाकिस्तान आम चुनाव में प्रमुख पार्टियां
- पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) (पीएमएल-एन)
- बिलावल भुट्टो और आसिफ अली जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी)
- इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) के चुनाव चिह्न को चुनाव आयोग ने फ्रीज कर दिया है। इस वजह से पीटीआई के उम्मीदवार बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.
अन्य कौन-सी पार्टियां हैं मैदान में
- अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी)- अवामी नेशनल पार्टी पश्तून की पार्टी है. यह पार्टी खैबर पख्तूनख्वा में सक्रिय है. एएनपी की अगुवाई आम चुनाव में असफंदयार वली खान कर रहे हैं. साल 2018 के चुनाव में इस पार्टी ने एक सीट पर जीत दर्ज की थी. वहीं 2013 के आम चुनाव में इस पार्टी को 2 सीटें मिली थी.
- मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी)- मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट कराची में करीब 3 दशक तक सबसे शक्तिशाली राजनीतिक पार्टी के रूप में थी. साल 2018 के आम चुनाव के दौरान इस पार्टी ने अपना समर्थन पीटीआई को दिया था, लेकिन 2022 में उन्होंने अपना रुख बदल लिया. साल 2013 में इस पार्टी ने 18 और 2018 में 6 सीटों पर जीत दर्ज की थी.
- जमात-ए-इस्लामी (जेआई)- जमात-ए-इस्लामी सिराज उल हक की नेतृत्व वाली एक दक्षिणपंथी पार्टी है. यह पार्टी धर्म पर केंद्रित है. जेआई पाकिस्तान की सबसे पुरानी और मजबूत संगठनों में से एक मानी जाती है. हालांकि चुनाव के दौरान इसका प्रदर्शन अब तक कुछ खास नहीं रहा है. साल 2013 में इन्हें 2 और 2018 में 12 सीटों पर सफलता हाथ लगी थी.
- जमीयत-ए-उलेमा इस्लाम (जेयूआई एफ)- मौलाना फजल उर रहमान की अगुवाई वाली जमीयत-ए-उलेमा इस्लाम का फोकस पख्तूनख्वा प्रांत में रहता है. इस पार्टी को 2013 में 11 सीटों पर और 2018 में 12 सीटों पर जीत मिली थी.
- पख्तूनख्वा मिल्ली अवामी पार्टी (पीकेएमएपी)- यह पार्टी बलूचिस्तान में सक्रिय है. इसके नेता महमूद खान अचकजई हैं. इस पार्टी ने साल 2013 में 3 सीटों पर जीत दर्ज की थी और 2018 में एक भी सीट पर जीत नहीं मिली थी.
- बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी)- बलूचिस्तान अवामी पार्टी का गठन 2018 में किया गया था. अंतरिम प्रधानमंत्री अनवर-उल-हक इसके संस्थापकों में से एक थे. 2018 के चुनावों में बीएपी ने पीटीआई के साथ गठबंधन किया था. साल 2013 में पार्टी को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली थी. वहीं 2018 में चार सीटों पर जीत हासिल हुई थी.
- अवामी वर्कर्स पार्टी (एडब्ल्यूपी)- मौजूदा चुनाव में इसके केवल 3 उम्मीदवार मैदान में हैं.
- हकूक ए खल्क पार्टी- आम चुनाव में हकूक-ए-खल्क पार्टी लाहौर में युवा उम्मीदवारों के साथ मैदान में उतरी है.
- इस्तेहकाम-ए-पाकिस्तान पार्टी (आईपीपी)- इस्तेहकाम ए पाकिस्तान पार्टी स्थापना जहांगीर तरीन ने की है. इस पार्टी को इमरान खान की समर्थित पार्टी के रूप में जाना जाता है.
कौन सी पार्टी के चुनाव जीतने की उम्मीद?
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नवाज शरीफ और उनकी पीएमएल एन पार्टी के जीतने की ज्यादा उम्मीद है.
पाकिस्तान आम चुनाव के मुख्य मुद्दा
- महंगाई
- भ्रष्टाचार
- भारत के जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद- 370 हटाना
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