Pakistan Election: पाकिस्तान में उम्मीद जताई जा रही थी कि जल्द ही चुनाव करवाए जाएंगे, लेकिन ऐसा लगता है कि अभी आवाम को वोट डालने के लिए अगले साल तक का इंतजार करना होगा. दरअसल, पाकिस्तान के कानून मंत्री आजम नजीर तरार का कहना है की 2023 की डिजिटल जनगणना के आधार पर आम चुनाव 2024 के जनवरी या फरवरी से पहले करवाना संभव नजर नहीं आ रहा है. हालांकि, तारीखों के बढ़ने के पीछे इमरान खान वजह बनकर उभर रहे हैं.


वहीं, कानून मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व में काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट (CCI) की बैठक का आयोजन किया गया. इसमें सर्वसम्मति से नए जनगणना नतीजों को स्वीकार किया गया. कानून मंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 का उल्लेख किया. उनका कहना है कि राष्ट्रीय और प्रांतीय विधानसभाओं के लिए चुनाव तभी हो पाएंगे, जब पाकिस्तानी चुनाव आयोग (ECP) की तरफ से निर्वाचन क्षेत्रों की सीमा तय कर दी जाएगी. 


सीटों की संख्या में नहीं होगा बदलाव


कानून मंत्री का कहना है कि ECP 120 दिनों के भीतर परिसीमन प्रक्रिया पूरी कर लेगी. हालांकि, ये पूरी तरह से ECP पर निर्भर करता है कि वह कितने दिनों में प्रक्रिया को पूरा करना चाहते हैं. उम्मीद की जा रही थी कि आबादी बढ़ने के चलते सीटों की संख्या में भी बदलाव देखने को मिलेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है. कानून मंत्री ने भी कहा है कि अगले चुनाव में नेशनल असेंबली की सीटों की संख्या में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं होने वाला है. 


विपक्ष कर रहा चुनाव की मांग


पाकिस्तान इन दिनों राजनीतिक उथल-पुथल से गुजर रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अगस्त के दूसरे हफ्ते में पद छोड़ देंगे, ताकि कार्यवाहक प्रधानमंत्री पद संभाले और चुनाव करवाए जाएं. हालांकि, अब साफ हो गया है कि चुनाव अगले साल से पहले नहीं होने वाले हैं. यहां गौर करने वाली बात ये है कि इमरान खान की पार्टी PTI पिछले साल ही चुनाव करवाने की मांग कर रही है. विपक्षी पार्टियों की तरफ से ये मांग तेज होती जा रही है.


क्या इमरान के चलते बढ़ी तारीख? 


इमरान खान को पिछले साल अप्रैल में सत्ता से बाहर किया गया. उनके ऊपर कई मुकदमे भी चलाए गए. शनिवार को ही तोशाखाना मामले में उन्हें दोषी पाया गया और इस तरह उन पर 5 सालों तक चुनाव लड़ने का प्रतिबंध लग गया है. हालांकि, भले ही इमरान मंझधार में फंसे हुए नजर आ रहे हैं. लेकिन उनकी पार्टी को पाकिस्तान में भारी जनसमर्थन मिल रहा है. माना जा रहा है कि यही वजह है कि मौजूदा सरकार को लगता है कि अगर जल्दी चुनाव हुए, तो इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को जीत मिल सकती है.


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