Pakistan Elections 2024: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की एक मुसीबत कम होती है तो दूसरी शुरू हो जाती है. उनकी परेशानियां ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहीं हैं. अब उनकी पार्टी को बड़ा झटका लगा है. पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) से उसका सालों पुराना चुनाव चिन्ह 'बल्ला' छीन लिया है.
चुनाव आयोग के इस फैसले पर इमरान खान की पार्टी, पीटीआई ने प्रतिक्रिया देते हुए इसे साजिश करार दिया है. ऐसे में पीटीआई के पूर्व अध्यक्ष बैरिस्टर गोहर अली खान ने शुक्रवार को घोषणा की कि वे पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे. इससे पहले, अपने सुरक्षित फैसले की घोषणा करते हुए, मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान राजा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय ईसीपी पीठ ने कहा कि पीटीआई अपनी पार्टी के संविधान के अनुसार चुनाव कराने में विफल रही. इसने यह भी फैसला सुनाया कि पार्टी चुनावी चिन्ह के रूप में बल्ला बरकरार नहीं रख सकती.
ईसीपी से पीटीआई को पहले से डर था
इस निर्णय के साथ ही गौहर खान ने अपनी नियुक्ति के कुछ दिनों बाद पीटीआई के अध्यक्ष के रूप में अपना पद खो दिया. जियो न्यूज से बात करते हुए बैरिस्टर गौहर ने कहा कि उनकी पार्टी को पहले दिन से ही ईसीपी को लेकर चिंता थी. उन्होंने आरोप लगाया कि चुनावी निगरानी संस्था ने किसी अन्य पार्टी की निगरानी नहीं की क्योंकि उसका ध्यान उनकी पार्टी के मामलों पर केंद्रित था.
'हमने संविधान के अनुरूप चुनाव कराए'
उन्होंने आगे कहा कि हमने पार्टी के अंदर चुनाव पार्टी कानून और संविधान के अनुरूप कराए. हमने ईसीपी से हमें यह बताने के लिए कहा था कि पीटीआई के अंतर-पार्टी चुनावों के दौरान संविधान के किस कानून या धारा का उल्लंघन किया गया था. उन्होंने कहा कि यह एक साजिश है. आप एक बड़ी राजनीतिक पार्टी को उसके चुनाव चिह्न से वंचित कर रहे हैं और उसके सभी उम्मीदवारों को स्वतंत्र उम्मीदवारों के रूप में आम चुनावों में जाने के लिए मजबूर कर रहे हैं.
ईसीपी ने पीटीआई के साथ पक्षपात किया
गोहर ने ईसीपी पर पीटीआई के प्रति पक्षपाती होने का आरोप लगाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने विदेशी फंडिंग मामले में सभी राजनीतिक दलों को लेकर एक आदेश जारी किया था. उन्होंने कहा कि पीटीआई के खिलाफ वसूली की कार्यवाही शुरू हुई लेकिन अधिकारियों ने अन्य राजनीतिक दलों की ओर से आंखें मूंद लीं.