Pakistan Election Result 2024: पाकिस्तान का चुनाव रिजल्ट त्रिकोणीय होता दिख रहा है. 90 सीटों के साथ आगे चल रहे इमरान खान क्या प्रधानमंत्री बन पाएंगे? इसपर सवाल खड़ा हो गया है, क्योंकि नवाज शरीफ ने बैकअप प्लान बना लिया है. नवाज ने बिलावल भुट्टो के साथ गठबंधन का रास्ता साफ कर दिया है. ऐसे में पाकिस्तान के चुनावी मैदान में हलचल तेज हो गई है. 


नवाज शरीफ ने एक भाषण के दौरान अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि उनकी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन पाकिस्तान में गठबंधन बनाने के लिए प्रतिद्वंद्वी बिलावल भुट्टो जरदारी की पार्टी के साथ बातचीत की कोशिश करेगी, क्योंकि पाकिस्तान में चुनाव परिणाम त्रिकोणीय होता दिख रहा है. बता दें कि 35 वर्षीय भुट्टो जरदारी, भुट्टो परिवार के वंशज हैं, जबकि नवाज शरीफ तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री हैं. नवाज शरीफ पिछले साल लंदन में निर्वासन के बाद पाकिस्तान लौटे थे और भ्रष्टाचार के आरोपों से बरी हो गए थे, जिससे उनके चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया था.


गठबंधन के बाद क्या होगा?
यदि दोनों परिवार-आधारित पार्टियां एकजुट हो जाती हैं तो यह पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान ज्यादा सीटें जीतने के बावजूद पाकिस्तान के पीएम बनने से चूक सकते हैं. बता दें कि इस बार के चुनाव में इमरान की पार्टी "पीटीआई" को चुनाव लड़ने पर पाकिस्तान चुनाव आयोग ने रोक लगा दी थी, जिसके बाद इमरान के सभी उम्मीदवार निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़े और बढ़त बनाए हुए हैं.


नवाज शरीफ ने अपने गढ़ लाहौर में एक भाषण के दौरान कहा- "हमें एक साथ बैठना होगा." देश को इस दलदल से बाहर निकालना हर किसी का कर्तव्य है. शरीफ ने कहा चुनाव के बाद पीएमएल-एन संसद में सबसे बड़ी पार्टी है. उनके करीबी सहयोगी ने पहले कहा था कि पीएमएल-एन पाकिस्तान के नेशनल असेंबली की 265 सीटों में से लगभग 90 सीटें जीतेगी. लेकिन पाकिस्तान चुनाव आयोग के स्कोरकार्ड से पता चला है कि खान समर्थित निर्दलीय 97 सीटों के साथ आगे हैं, उसके बाद पीएमएल-एन 73 और पीपीपी 53 सीटों पर आगे है.
 
एक रिपोर्ट के मुताबिक दूसरी तरफ पीपीपी सांसद और वरिष्ठ नेता शेरी रहमान ने लाहौर में संवाददाताओं से कहा, "हम हर किसी से बात करेंगे." दोनों पार्टियों का गठबंधन देश की शक्तिशाली सेना के लिए एक राहत हो सकता है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अप्रैल 2022 में खान को सत्ता से हटाने में सेना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इस तरह दोनों पार्टियां गठबंधन की तरफ आगे बढ़ती दिख रही हैं, इससे ऐसा लग रहा है कि ज्यादा सीटें जीतने के बाद भी इमरान खान प्रधान मंत्री बनने से चूक सकते हैं. 


पाकिस्तान में महंगाई की हालत
वहीं राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर नवाज शरीफ प्रधानमंत्री बनते हैं तो उन्हें कई मोर्चों पर चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है, मुद्रास्फीति 28% पर चल रही है, जो एशिया में सबसे ऊंची गति पर है. इससे गरीबी में रहने वाली 40% आबादी के लिए जीवन और भी कठिन हो गया है.


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