इस्लामाबाद: क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान का पाकिस्तान में प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठना तय हो गया है. 272 सीटों पर हुए चुनाव में इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी बड़े मार्जिन से सबसे आगे चल रही है. इस आम चुनाव में इमरान खान के सामने दो बड़ी पार्टियों के प्रधानमंत्री उम्मीदवार भी ‘क्लीन बोल्ड’ हो गए. पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) की ओर से शहबाज शरीफ और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के सह-अध्यक्ष बिलावल भुट्टो चुनाव हार गए हैं.
आम चुनाव में जहां इमरान खान की पार्टी पीटीआई पहले नंबर पर है, तो वहीं नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन दूसरे और बिलावल भुट्टो की पीपीपी तीसरी नंबर पर है. बिलावल भुट्टो लयारी से उम्मीदवार थे.
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पीएमएल-एन के अध्यक्ष शाहबाज शरीफ ने चुनाव नतीजों को पूरी तरह खारिज करते हुए चुनावों में बड़े पैमाने पर धांधली के आरोप लगाए. शरीफ ने ऐसे संकेत दिए कि उनकी पार्टी चुनावों में धांधली के खिलाफ प्रदर्शन करेगी. इस बीच, पीएमएल-एन की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने मतों की गणना की प्रक्रिया पर आपत्ति जताई है और आरोप लगाया है कि उनकी पार्टी के एजेंटों को कई निवार्चन क्षेत्रों के मतदान केंद्रों से बाहर किया गया है.
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पीपीपी के मौला बक्स चंदियों ने भी दावा किया है कि उनकी पार्टी के एजेंटों को बादिन में मतदान केंद्रों के अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है, जबकि पाक सरजमीं पार्टी के नेता रजा हारून ने भी कराची के अलग-अलग मतदान केंद्रों में उनके एजेंओं को अंदर ना जाने देने के आरोप लगाए. आरोपों का जवाब देते हुए पंजाब में प्रांतीय निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि नेताओं को बिना किसी ठोस सबूत के निराधार आरोप लगाने से बचना चाहिए.
शाहबाज शरीफ, नवाज शरीफ के भाई हैं. नवाज के अयोग्य करार दिए जाने के बाद पीएमएल-एन की कमान संभालने वाले शाहबाज 10 साल से ज्यादा समय तक पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री रहे हैं. बिलावल पीपीपी के अध्यक्ष के तौर पर राष्ट्रीय राजनीति में पार्टी के प्रभाव को बढ़ाने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं. मां बेनजीर भुट्टो पीएम रहे तो पिता आसिफ अली जरदारी देश के राष्ट्रपति रह चुके हैं.