इस्लामाबाद: पाकिस्तान में नेशनल असेंबली के लिए हुए चुनाव में इमरान खान की जीत की आंधी में विरोधी पार्टियों के बड़े-बड़े नेताओं को हार का मुंह देखना पड़ा है. पाकिस्तान के पूर्व पीएम शाहिद खाकान अब्बासी, नवाज शरीफ के भाई और उनकी पार्टी के अध्यक्ष शहबाज, बिलवाल भुट्टो सभी के हिस्से चौंकाने वाली हार आई है.


नवाज शरीफ के बाद पीएम की कुर्सी संभालने वाले अब्बासी को रावलपिंडी सीट पर करारी हार मिली है. पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स में तो यह भी दावा किया जा रहा है कि वह अपनी दूसरी सीट बचाने में भी कामयाब नहीं हो पाए हैं. बात अगर रावलपिंडी सीट की करें तो इसे नवाज की पार्टी की सबसे सुरक्षित सीटों में से एक माना जाता था. अब्बासी इस सीट में 1990, 1993, 1997, 2008 और 2013 का चुनाव जीतने में कामयाब रहे थे, जबकि 2002 में उनके हिस्से हार आई थी.


दो सीटों से हारे शहबाज शरीफ


पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने कराची, स्वात और लाहौर से चुनाव लड़ा था. लेकिन कराची और स्वात की सीटों पर उन्हें इमरान खान की पार्टी के कैंडिडेट के हाथों हार का सामना करना पड़ा है. हालांकि वह अपनी लाहौर की सीट बचाते हुए दिख रहे हैं.


बिलावल को भी मिली हार


पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के चीफ बिलावल भुट्टो को खैबर पख्तूनख्वा की मालकंद सीट पर हार मिली है. जबकि बिलावल सिंध की लरकाना सीट पर चुनाव जीतते हुए नज़र आ रहे हैं.


इन बड़े नेताओं के अलावा एमएमए के मौलाना फजलुर रहमान को डेरा इस्माइल खान और लक्की मरवट दोनों सीटों पर हार मिली है. इमरान की पार्टी के कैंडिडेट ने पाकिस्तान के पूर्व कानून मंत्री और शरीफ के नजदीकि राणा सनाउल्लाह को फैसलाबाद की सीट पर हरा दिया है.


नवाज की पार्टी के एक और बड़े नेता ख्वाजा साद रफीक को इमरान खान ने लाहौर में हराया है. सिंध के पूर्व सीएम अरबाब रहीम को अमरकोट में बिलावल की पार्टी के कैंडिडेट के हाथों हार मिली है. बता दें कि ये सभी रिजल्ट अन ऑफिशियल हैं और पाकिस्तान के चुनाव आयोग के ओर से नतीजों की आधिकारिक घोषणा होना बाकी है.