Pakistan Protest: पाकिस्तान में भले ही कितनी भी सरकारें बदल जाएं, मगर आवाम के हालात जस से तस ही बने हुए हैं. कभी बढ़ती पेट्रोल-डीजल की कीमतों की वजह से लोग परेशान रहते हैं, तो कभी खाने की चीजों के बढ़े दाम उनकी परेशानी की वजह बनती है. वहीं, अबकी बार बढ़ी हुई कीमतों से जूझती पाकिस्तानी आवाम को सरकार की तरफ से बिजली की कीमत बढ़ाकर 'महंगाई का करंट' दिया गया है. 


हालांकि, इस बार आवाम ने भी तय कर लिया है कि अब बहुत हुआ. यही वजह है कि देश के अलग-अलग शहरों में लोग सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं. बढ़े हुए बिजली के दामों को लेकर कराची, रावलपिंडी, मुल्तान, गुजरांवाला और पेशावर में जबरदस्त प्रदर्शन हुए हैं. पाकिस्तानी सरकार भी लोगों के गुस्से को समझ चुकी है और रविवार को बैठक की जाएगी, जहां बढ़े हुए दामों को लेकर चर्चा होने वाली है.  


सोशल मीडिया पर लोगों ने बताई परेशानी


आवाम ने अब मीडिया का बॉयकॉट करना भी शुरू कर दिया है. मीडिया को बिकाऊ मीडिया कहा जा रहा है. सोशल मीडिया पर लोगों ने अपनी परेशानियां बताई हैं. लोग कह रहे हैं कि जिस तरह से बिजली के दाम बढ़ाए गए हैं, वो एक तरह से लोगों के साथ क्रूरता है. जहां भारत में 200 यूनिट फ्री बिजली मिल रही है, वहीं पाकिस्तानी लोगों ने 200 यूनिट के लिए लाखों में बिल भेजने पर हुक्मरानों को बद्दुआ दी है.


सरकार से राहत देने की मांग


जियो न्यूज के मुताबिक, कराची में जमाते इस्लामी ने कई जगहों पर बिजली की बढ़ी कीमतों को लेकर प्रदर्शन किया. रावलपिंडी के कमिटी चौक पर प्रदर्शनकारियों ने बिजली बिल जलाए. सरकार से मांग की गई कि वह बिजली पर लगने वाले टैक्स को खत्म करे. पेशावर में प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बढ़े हुए बिजली के दाम आम लोगों के बर्दाश्त के बाहर हैं. सरकार से गुजारिश की गई कि वह आवाम को तुरंत राहत देने का काम करे. 


गुजरांवाला में प्रदर्शनकारी इतने ज्यादा भड़क गए कि उन्होंने गुजरांवाला इलेक्ट्रिक पावर कंपनी के दफ्तर को ही घेर लिया. ऑफिस के बाहर जमकर नारेबाजी की गई. नारोवाल, अटक, सरगोधा और हारीपुर जैसे छोटे शहरों में भी लोग बिजली की बढ़ी हुई कीमतों को लेकर सड़कों पर उतर आए. कुछ जगहों पर लोगों को सरकार के खिलाफ पोस्टर लेकर सड़कों पर प्रदर्शन करते हुए भी देखा गया. 


कितने बढ़े बिजली के दाम?


पाकिस्तान के पावर रेगुलेटर 'नेशनल इलेक्ट्रिक पावर रेगुलेटरी अथॉरिटी' (NEPRA) ने राष्ट्रीय औसत टैरिफ 4.96 रुपये तय किया था. लेकिन जुलाई के महीने में तत्कालीन सरकार ने NEPRA के तय टैरिफ के मुकाबले बेस टैरिफ में 7.50 रुपये प्रति यूनिट तक का भारी इजाफा किया. NEPRA ने चालू वित्त वर्ष के दौरान घाटे में चल रही बिजली वितरण कंपनियों के लिए राजस्व बढ़ाने के लिए टैरिफ में बढ़ोतरी की थी.


NEPRA के बयान के अनुसार, 2023-24 वित्तीय वर्ष के लिए संशोधित राष्ट्रीय औसत टैरिफ 29.78 रुपये प्रति यूनिट kWh निर्धारित किया गया, जो कि पहले से निर्धारित राष्ट्रीय औसत टैरिफ 24.82 रुपये से 4.96 रुपये प्रति यूनिट ज्यादा है. हालांकि, फिर सरकार ने इसमें भी इजाफा कर दिया. ऊपर से बिजली पर सरचार्ज, टैक्स जैसी चीजें भी लगती हैं, जिससे बिजली और भी ज्यादा महंगी हो गई है. 


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