Imran Khan Toshakhana Case: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. किसी भी वक्त उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है. तोशाखाना मामले (Toshakhana) में इमरान को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस लाहौर स्थित जमां पार्क आवास पर पहुंची है. पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, इमरान खान तोशाखाना मामले (Tosha Khana Case) की सुनवाई के दौरान लगातार गैर-मौजूद रहे हैं. इस वजह से इमरान खान को गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है. इसके लिए इस्लामाबाद (Islamabad) पुलिस अपनी समकक्ष पंजाब पुलिस को साथ लेकर पहुंची है.


रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले साल वजीराबाद में एक जानलेवा हमले में गोली लगने के बाद से जख्म से उबर रहे इमरान खान इस्लामाबाद के सत्र न्यायालय में तोशाखाना मामले की सुनवाई में तीन बार मौजूद नहीं रहे. इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के कार्यकर्ताओं की ओर से पुलिस का विरोध किया जा रहा है. पीटीआई कार्यकर्ता बड़ी तादाद में इमरान खान के आवास के बाहर जमा हैं.


पीटीआई नेता फवाद चौधरी के आह्वान पर वे इकट्ठा हुए हैं. पीटीआई ने व्यापक आंदोलन की धमकी दी है. वहीं पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह के मुताबिक, इमरान खान के खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट अदालत के आदेश पर जारी हुआ है, इसमें सरकार का कोई हाथ नहीं है. आखिर क्या है तोशाखाना मामला जो इमरान खान के गले के हड्डी बन गया. आइए जानते हैं.


पाकिस्तान में तोशाखाना क्या है?


तोशाखाने का मतलब ऐसे कमरे से है जहां राजा या अमीरों के कपड़े, गहने और महंगी चीजें जैसे कि उपहार आदि संभालकर रखे जाते हैं. पाकिस्तान में सरकार के संग्रहस्थान को तोशाखाना नाम दिया गया है, जिसे अंग्रेजी में स्टेट डिपॉजिटरी भी कहते हैं. पाकिस्तान के कानून के मुताबिक, विदेशों से या विदेशी मेहमानों से मिले उपहारों को इसी तोशाखाने में जमा कर दिया जाता है. प्रधानमंत्री अगर उपहार अपने पास रखना चाहे तो उसे उसका मूल्य चुकाना होगा. इन उपहारों की नीलामी भी की जा सकती है. नीलामी से अर्जित धन सरकारी खजाने में ही जाएगा. कुल मिलाकर प्रधानमंत्री को मिले उपहार राष्ट्र की संपत्ति हैं. 


तोशाखाना विवाद में इमरान कैसे फंसे?


इमरान को प्रधानमंत्री रहते हुए उनकी विदेश यात्राओं या किसी प्रकार की आधिकारिक यात्रा के दौरान करीब साढ़ 14 करोड़ रुपये के ऐसे उपहार मिले थे. उपहारों को तोशाखाने में जमा भी कर दिया गया था. आरोप है कि इमरान खान ने तोशाखाने में जमा किए उपहारों को सस्ते में (2.15 करोड़ रुपये में) खरीद लिया और फिर ज्यादा कीमत में बाजार में उन्हें बेच दिया और पांच करोड़ रुपये से ज्यादा धन मुनाफे के तौर कमा लिया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन उपहारों में एक ग्राफ घड़ी, एक जोड़ा कफलिंक, एक कीमती पेन, एक अंगूठी और रोलेक्स की चार घड़ियां भी शामिल थीं. यह भी आरोप है कि इमरान ने इस पूरे काम को अंजाम देने के लिए सरकारी कानून में परिवर्तन भी किया. 


कब खड़ी हो गई इमरान के लिए मुसीबत?


पिछले साल इमरान खान की सरकार गिरने के कुछ महीनों बाद, सत्तारूढ़ पीएमएल-एन गठबंधन वाली सरकार के कुछ सांसदों ने पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के अध्यक्ष राजा परवेज अशरफ के सामने तोशाखाना मामले को उठाया था और इमरान खान पर आरोप लगाए थे. उन्होंने एक आरोपपत्र तैयार किया था, जिसमें कहा था कि इमरान खान ने उन्हें मिले उपहारों की डिटेल तोशाखाने को नहीं सौंपी थी. उन्होंने कहा कि इमरान ने उपहार बेंचकर रुपये कमा लिए. नेशनल असेंबली ने जांच का आदेश दिया था. आठ सितंबर को इमरान को एक नोटिस भेज दिया गया था. नोटिस के जवाब में इमरान ने चार उपहारों को बेचने की बात कबूली थी.


वहीं, इमरान ने दलील दी थी कि उपहार उन्हें निजी तौर पर मिले थे, इसलिए वो उनका कुछ भी करें. इमरान ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधार बताया था. मामला कोर्ट में पहुंच गया. इसी मामले में पूर्व पीएम इमरान के खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट जारी हुआ है. 


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