Pakistan News: पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (Federal Investigation Agency of Pakistan) ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (Pakistan Tehreek-e-Insaf) के पूर्व अध्यक्ष असद कैसर (Asad Kaiser)के बाद पीटीआई के प्रतिबंधित फंडिंग मामले की चल रही जांच के संदर्भ में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के 10 अन्य नेताओं को तलब किया है. एआरवाई न्यूज (ARY News) ने बताया कि एजेंसी ने सिंध के पूर्व गवर्नर इमरान इस्माइल (Imran Ismail) मियां महमूद-उर-रशीद(Mian Mahmud-ur-Rashid) पूर्व एमपीए सीमा जिया (Seema Jiya)और अन्य को जांच के दौरान सवालों के जवाब देने के लिए तलब किया.


एफआईए ने नेताओं को पेशावर कार्यालय बुलाया है


शनिवार को एफआईए के पेशावर कार्यालय ने कैसर को 11 अगस्त को दोपहर 2 बजे बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया, जबकि इमरान इस्माइल और सीमा जिया को क्रमश: 12 और 15 अगस्त को एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है. कैसर ने एक बयान में कहा कि उन्हें अभी तक एफआईए (FIA)की ओर से कोई नोटिस नहीं मिला है. उन्होंने कहा, "कुछ भी अवैध नहीं किया है, चिंता की कोई बात नहीं है."


एफआईए ने पूर्व स्पीकर को एक नोटिस भेजा और कहा कि अकबर एस बाबर के मामले में फैसले के अनुसार, कैसर के दो बैंक खाते हैं और वह उन दो खातों के कामकाज से जुड़ा है; इसलिए उन्हें बैंक खाते के विवरण के संबंध में सवालों के जवाब देने के लिए जांच दल के सामने पेश होने के लिए कहा गया है.


चार कर्मचारियों के पर्सनल अलाउंट-सैलेरी अकाउंट में भेजे गए पैसे


इस बीच, जांच एजेंसी ने पीटीआई सचिवालय के चार कर्मचारियों की पहचान की है, जिनके व्यक्तिगत और वेतन खातों का इस्तेमाल विदेशी धन प्राप्त करने के लिए किया गया था. एजेंसी ने कहा कि मुहम्मद अरशद, ताहिर इकबाल, मुहम्मद रफीक और नौमान अफजल के बैंक खातों में विदेशों से फंडिंग किया गया धन प्राप्त हुआ था.
बयानों में पीटीआई के कर्मचारियों ने कहा कि वे अपने खातों में प्राप्त धन इमरान खान पार्टी के वित्त प्रबंधक को रिपोर्ट के अनुसार देते थे. उन्होंने कहा कि वे वित्त प्रबंधक को हस्ताक्षरित ब्लैंक चेक देते थे. प्रकाशन के अनुसार, एफआईए को जांच के दौरान पता चला कि अन्य खातों के अलावा, कर्मचारियों के वेतन खातों में विदेशी धन भी प्राप्त हुआ था. इस मामले में एफआईए ने पहले मामले की जांच के लिए छह सदस्यीय टीम का गठन किया था.


जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, यह जांच पाकिस्तान के तीन सदस्यीय चुनाव आयोग की पीठ ने एक सर्वसम्मत फैसले में फैसला सुनाया कि पीटीआई को 2014 से लंबित मामले में निषिद्ध धन प्राप्त होने के कुछ दिनों बाद यह जांच हुई थी.


अकबर एस बाबर ने किया था विदेशी फंडिंग का पर्दाफाश


अकबर एस बाबर, वह व्यक्ति जिसने इमरान खान के राजनीतिक संगठन में संदिग्ध विदेशी धन की आमद से जुड़े घोटाले का पर्दाफाश किया था.बाबर ने एफआईए को बताया कि पीटीआई के वित्तीय बोर्ड ने 2011 में पार्टी के केंद्रीय सचिवालय के चार कर्मचारियों को पाकिस्तान और विदेशों से अपने व्यक्तिगत खातों में चंदा इकट्ठा करने के लिए अवैध रूप से अधिकृत किया गया था. बाबर ने अपने पत्र में कहा कि पीटीआई कर्मचारियों के खातों में 11.104 मिलियन रुपये जमा किए गए, जो उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से परे थे.


उन्होंने लिखा है कि कर्मचारियों ताहिर इकबाल, मुहम्मद नौमान अफजल, मुहम्मद अरशद और मुहम्मद रफीक के खातों के माध्यम से धन प्राप्त किया गया था।
4 अगस्त को, पाकिस्तान सरकार ने प्रतिबंधित फंडिंग मामले के फैसले के बाद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान के खिलाफ अयोग्यता का संदर्भ दायर करने का फैसला किया और संघीय कैबिनेट ने सिफारिश को स्वीकार कर लिया था.


सूचना मंत्री ने कसा तंज-विदेशी फंडिंग वाली पार्टी है पीटीआई


पाकिस्तान के सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पीटीआई ने कुल 16 बैंक खातों का इस्तेमाल किया जो रिकॉर्ड में नहीं पाए गए.
उन्होंने कहा, "पाकिस्तान में पहली बार किसी राजनीतिक दल को विदेशी फंडिंग वाली पार्टी घोषित किया गया है. पीटीआई सचिवालय के कर्मचारियों के खातों का इस्तेमाल विदेशी फंडिंग के लिए किया गया."


एआरवाई न्यूज के अनुसार, औरंगजेब ने कहा कि ईसीपी के फैसले के आलोक में पीटीआई को 'विदेशी वित्त पोषित पार्टी' घोषित किया गया था. अपने फैसले में, ईसीपी ने 'अज्ञात खातों' का अवलोकन किया और कहा कि खातों को छिपाना "संविधान का उल्लंघन" है. इसके अलावा, यह पाया गया कि पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान ने एक गलत नामांकन फॉर्म  जमा किया. आयोग ने पाया कि धन उगाहने में 34 देशों से दान लिया गया था.


अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया-यूएई से फंड लेने का आरोप


जियो न्यूज ने बताया कि इनमें अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और यूएई शामिल हैं. चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि पीटीआई ने एक अमेरिकी व्यवसायी से धन लिया था. अपने फैसले में, ईसीपी ने 'अज्ञात खातों' का अवलोकन किया और कहा कि खातों को छिपाना "संविधान का उल्लंघन" है. ईसीपी ने यह बताने के लिए पीटीआई को कारण बताओ नोटिस जारी करने का फैसला किया कि आयोग को प्राप्त धन को जब्त क्यों नहीं करना चाहिए.


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