इमरान खान 'विदेशी साजिश' के कार्ड से आखिरी पलों में बेशक अपनी कुर्सी को बचाने में कामयाब रहे, लेकिन विपक्ष लगातार उनसे इस साजिश से जुड़े सबूत मांग रहा है. अब पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी ने इमरान खान से इन आरोपों पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है.


नहीं मिले हैं विदेशी साजिश के सबूत


जरदारी का कहना है कि, इमरान खान ने अपनी सरकार बचाने के लिए विदेशी साजिश का ड्रामा रचा है. वह उस पत्र को भी नहीं दिखा रहा जिसे उसने अपनी रैली में दिखाते हुए कहा था कि इसमें उस साजिश के पूरे सबूत हैं. वह उस पत्र को छिपा रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) के सदस्यों ने भी ये कहा है कि उन्हें पीटीआई सरकार को हटाने में विदेशी साजिश के कोई सबूत नहीं मिले हैं. इमरान खान कहते हैं कि सेना से जुड़े एनएससी के सदस्य उनके रुख से संतुष्ट हैं, इसलिए वह इस साजिश की बात से इनकार कर रहे हैं. अगर ऐसा है तो इमरान खान को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.


ऐसे मामलों में देरी नुकसानदायक


पूर्व राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि, अब यह मुद्दा इमरान खान या संयुक्त विपक्ष तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पूरे देश का है और ऐसे संवेदनशील मामलों में देरी करना देश के लिए नुकसानदायक हो सकता है. उन्होंने आगे कहा कि इमरान को ये समझना चाहिए कि अब यह मामला अविश्वास प्रस्ताव तक का नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा का है.


बिलावल भुट्टों ने फिर बोला हमला


इससे पहले, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार द्वारा नेशनल असेंबली भंग करने को एक असंवैधानिक कदम बताते हुए, पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने अगले आम चुनावों में इमरान को हराने की कसम खाई. बिलावल ने सुक्कुर में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि "इमरान खान को नहीं पता कि उन्हें क्या हो गया है... वह हार गए हैं और जश्न मना रहे हैं." उन्होंने कहा कि "इमरान खान के शासन काल में पाकिस्तान की तमाम संस्थाएं विवादित हो गईं हैं. ये पाकिस्तान की संस्थाएं हैं, किसी एक व्यक्ति की नहीं... हम नहीं चाहते कि इमरान खान के कारण उनके नाम विवादास्पद हों."


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