अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से पाकिस्तान का एक्सपोर्ट बिजनेस प्रभावित हुआ है. देश को तोरखम सीमा के माध्यम से सामानों की आपूर्ति में देरी हुई है. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार सीमा पार से व्यापारियों और सीमा शुल्क समाशोधन एजेंटों के अनुसार अफगानिस्तान के साथ देश का निर्यात और व्यापारिक गतिविधियां अनिश्चितता और काबुल में नई सरकार के गठन में देरी के कारण कम हो गई है.


एक्सपोर्ट और कस्टम क्लियरिंग एजेंट मुजीबुर रहमान ने कहा, 'इस समय अफगानिस्तान में पूरी तरह से अराजकता फैली है. हम अफगान तालिबान से स्थायी और सुरक्षित व्यापार रणनीति की उम्मीद करते हैं.' तालिबान ने पिछले हफ्ते लगभग पूरे देश के बाद काबुल पर कब्जा कर लिया था. उन्होंने आगे कहा, 'तालिबान के काबुल में प्रवेश करने के बाद से बैंकों और अन्य अनौपचारिक चैनलों के माध्यम से लेनदेन की प्रक्रिया पूरी तरह से रुक गई है.'


दिनों-दिन बदतर होती जा रही अफगानिस्तान की स्थिति


गौरतलब है कि अफगानिस्तान पर तालिबान के पूरी तरह से कब्जे के बाद वहां पर स्थिति दिनों-दिन बदतर होती जा रही है. वहां से जान बचाकर लोग भागने की कोशिश कर रहे हैं. काबुल एयरपोर्ट को नियंत्रण में रखने वाली अमेरिकी सेना लगातार लोगों को देश छोड़कर भागने में लोगों की मदद कर रही है. अधिकतर देशों ने अपने दूतावास बंद कर दिए और उसे दी जाने वाली विदेशी सहायता पर रोक लगा दी है. अफगानिस्तान में अमेरिका समर्थित सरकार के गिर जाने और देश के राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़कर चले जाने के बाद रविवार को तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया. तालिबान ने 9/11 के हमलों के बाद अमेरिका नीत सेना के अफगानिस्तान में आने के 20 साल बाद फिर से देश पर कब्जा कर लिया है.


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