अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि अफगानिस्तान की सीमा से लगे इलाकों में लगातार हो रही आतंकवादी गतिविधियों के कारण पाकिस्तान आतंकवाद के भयानक खतरे का सामना कर रहा है. पाकिस्तान में हाल ही में हुए चुनावों के संबंध में बुधवार (20 मार्च) को अमेरिकी संसद की कार्यवाही के दौरान, दक्षिण और मध्य एशिया के सहायक सचिव डोनाल्ड लू ने सदन की विदेश मामलों की समिति के सदस्यों को बताया कि अफगानिस्तान में 40 वर्षों से संघर्ष चल रहा है और पाकिस्तान इसमें फंस गया है.


लू ने कहा कि अफगानिस्तान में संघर्ष की समाप्ति हम सभी को पाकिस्तान के साथ अपनी शर्तों पर संबंध बनाने का अवसर प्रदान करती है और हम ऐसा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा, 'अब पाकिस्तान के साथ हमारा एक प्रमुख लक्ष्य है कि हमें पाकिस्तानी लोगों का समर्थन करना है क्योंकि वर्तमान में वे आतंकवाद के भयानक खतरे का सामना कर रहे हैं. कई सदस्यों ने इस पर चर्चा की है, लेकिन यह एक ऐसा देश है जहां लोगों को आतंकवाद के खतरे के तहत इस तरह से पीड़ित होना पड़ा है.'


लू ने कहा, 'पिछले तीन वर्षों में विशेषकर खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रांतों में आतंकी हमले तेजी के साथ बढ़े हैं. अफगान क्षेत्र से हमले किए जा रहे हैं.' उन्होंने कहा, 'शनिवार को वहां तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान द्वारा बड़ा आतंकी हमला किया गया जिसमें सात पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई. हम अफगान तालिबान से यह सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं कि उसके क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवादी समूहों के लिए मंच के रूप में नहीं किया जाए.'


अफगानिस्तान की सीमा से लगे उत्तरी वजीरिस्तान के अशांत आदिवासी जिले में शनिवार को एक सुरक्षा जांच चौकी पर छह आतंकवादियों द्वारा किए गए कई आत्मघाती हमलों में पांच सैनिकों के साथ एक लेफ्टिनेंट कर्नल और एक कैप्टन की मौत हो गई. वहीं, इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने दावा किया कि उसने मीर अली इलाके में चेक पोस्ट पर हमला करने वाले सभी छह आतंकवादियों को मार गिराया है. पाकिस्तान ने सोमवार को जवाबी कार्रवाई करते हुए तालिबान शासित अफगानिस्तान में प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से जुड़े आतंकवादियों पर हवाई हमले किए. लू ने आगे कहा कि पाकिस्तान के लिए आर्थिक स्थिरता पर ध्यान देना भी जरूरी है.


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