Pakistan Faisalabad Violence: पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ कैसा सलूक किया जाता है, यह किसी को बताने की जरूरत नहीं है. हाल ही में पाकिस्तान के फैसलाबाद में कुरान के कथित अपमान के बाद ईसाई समुदाय को जमकर निशाना बनाया गया. जिसके बाद पाकिस्तान की पूरी दुनिया में किरकिरी हुई. हालांकि, इसके बाद भी पड़ोसी मुल्क की सेहत पर कोई फर्क पड़ता नहीं दिख रहा है. 


दरअसल, अब पाकिस्तान में ईसाई समुदाय ने जरनवाला हिंसा मामले में समझौता करने के लिए पुलिस अधिकारियों पर दबाव डालने का आरोप लगाया है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, ईसाई समुदाय ने जरनवाला हिंसा मामले में लाहौर हाई कोर्ट (एलएचसी) का रुख किया है. इसके साथ ही अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का कहना है कि घटना की निष्पक्ष जांच के लिए एक न्यायिक जांच समिति का गठन किया जाए. 


समझौते के लिए मिल रहीं धमकियां 


रिपोर्ट के अनुसार, ग्रेस बाइबल फेलोशिप चर्च पाकिस्तान के अध्यक्ष ने समुदाय के लोगों को इस मामले में लगातार मिल रही धमकियों की जानकारी दी हैं. ऐसे में उन्होंने वकील शाहबाज फजल सरोया के माध्यम से याचिका दायर कर अदालत को अवगत कराया है. रिपोर्ट के अनुसार, याचिकाकर्ता ने सीसीटीवी फुटेज के साथ-साथ अन्य प्रासंगिक सबूतों के माध्यम से पहचाने गए सभी आरोपियों के लिए उचित सजा बरकरार रखने का आह्वान किया है. 


अमेरिका भी लगा चुका है फटकार


इसके साथ ही याचिका में अदालत से अनुरोध किया गया कि वह राज्य के अधिकारियों को जरनवाला घटना के पीड़ितों को तुरंत वित्तीय और प्रशासनिक संसाधन उपलब्ध कराने का निर्देश दे, ताकि भीड़ की हिंसा के बाद उन्हें नियमित जीवन में लौटने में मदद मिल सके. गौरतलब है कि अमेरिका ने भी पाकिस्तान की इस घटना पर दुख जताते हुए कहा कि 'यह बहुत चिंताजनक है कि पाकिस्तान में कुरान के अपमान के जवाब में चर्चों और ईसाई समुदाय के घरों को निशाना बनाया गया.'


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