Pakistan Financial Crisis: पाकिस्तान में अचानक बढ़ गया ब्लैक मार्केट, वजह जानकर हो जाएंगे हैरान!
Pakistan Black Market: पाकिस्तान में डॉलर की कीमत लगातार बढ़ रही है. आलम ये है कि हर कोई चाहता है कि उसकी जेब में रुपये की जगह डॉलर हो, यही वजह है कि देश में कालाबाजारी काफी बढ़ गई है.
Pakistan Rupee To USD Dollar: पड़ोसी देश पाकिस्तान की मुश्किलें हैं कि कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. अब पाकिस्तान की हालत इस कदर कमजोर हो गई है कि वहां के केंद्रीय मंत्री तक देश के दिवालिया होने की बात कह चुके हैं. इस बीच खबर आई है कि देश में आर्थिक संकट के चलते अब पाकिस्तानी रुपया लगातार गिर रहा है. अगर पाकिस्तान सरकार ने वक्त रहते स्थिति पर काबू नहीं पाया तो हालात और भी बदतर हे सकते हैं.
दरअसल, पाकिस्तान में मौजूदा समय में हर क्षेत्र में लगभग बिजनेस ठप होने की कगार पर है. मगर, इस समय एक ऐसा बिजनेस है जो देश के आर्थिक संकट में तेजी से चल रहा है. पाकिस्तान में डॉलर की कालाबाजारी काफी हो रही है, बैंकों में करेंसी एक्सचेंज और खुले बाजारों के मूल्य का अंतर बढ़ता जा रहा है. डॉलर खुले बाजार में ऊंचे दाम पर बिक रहा है. इस समय पाकिस्तानी रुपया 257.80 पर पहुंच गया है.
1 डॉलर की कीमत 300 पाकिस्तानी रुपया
बता दें कि पाकिस्तान में डॉलर की कीमत लगातार बढ़ रही है. आलम ये है कि हर कोई चाहता है कि उसकी जेब में रुपये की जगह डॉलर हो. यही वजह है कि देश में कालाबाजारी काफी बढ़ गई है. खबरों के मुताबिक पाक के ब्लैक मार्केट में 1 डॉलर 300 पाकिस्तानी रुपये में बदला जा रहा है. बैंकरों का कहना है कि डॉलर की अचानक बढ़ी कीमत को सरकार या केंद्रीय बैंक प्रभावित नहीं कर रहे, बल्कि यह इंपोर्ट के लिए लेटर ऑफ क्रेडिट जारी नहीं करने से जुड़ी सख्त नीतियों के कारण हो रहा है.
ब्लैक मार्केट का सहारा
बैंकिंग मार्केट में मुद्रा डीलर आतिफ अहमद के अनुसार, "विनिमय दर स्थिर है, क्योंकि स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान डॉलर को बाहर नहीं जाने दे रहा है. आयात करने वाला सामान देश के बंदरगाहों पर पड़ा हुआ है और बैंक उसका भुगतान नहीं कर रहे." बिजनेसमैन अब सामान खरीदने के लिए ब्लैक मार्केट का सहारा ले रहे हैं और एक्सचेंज कंपनियों ने सरकार से कहा है कि 50 हजार डॉलर तक के आयात पर लेटर ऑफ क्रेडिट की परमिशन दी जाए.
इस बीच पाकिस्तान के पास देश चलाने के लिए पैसे नहीं हैं, जबकि कई देशों ने उसकी सहायता के लिए हाथ बढ़ाया है, लेकिन फिर भी आर्थिक संकट टला नहीं है. दूसरी तरफ आम लोगों को सब्जी से लेकर ग्रॉसरी खरीदने के लिए हजारों रुपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं.
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