Pakistan Flood: दो लड़कियों ने तोड़ी पुरुष प्रधान समाज की बेड़ियां, 12 हजार महिलाओं तक पहुंचाई मासिक धर्म सहायता किट
Pakistan News: बाढ़ से प्रभावित 33 मिलियन लोगों में कम से कम 16 लाख महिलाएं और युवा लड़कियां हैं जिन्हें मासिक धर्म स्वास्थ्य सहायता की सख्त और तत्काल आवश्यकता है.
Pakistan Floods Update: पाकिस्तान (Pakistan) में भारी बारिश (Heavy Rains) के बाद आई बाढ़ (Flood) से लाखों लोग प्रभावित हुए हैं. पाकिस्तानी सरकार, सशस्त्र बल समेत कई एनजीओ बाढ़ प्रभावित 33 मिलियन से अधिक लोगों को राहत प्रदान करने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं. वहीं, दो युवा लड़कियां पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं को मासिक धर्म स्वास्थ्य उत्पादों (Menstrual Health Products) को उन तक पहुंचाने का काम कर रही है.
बहाउद्दीन जकारिया यूनिवर्सिटी की छात्रा अनुम खालिद और लाहौर की पंजाब यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली उनकी एक ऑनलाइन दोस्त बुशरा महनूर मिलकर “महवारी न्याय” नामक एक सोशल मीडिया कैंपेन चला रही हैं. इसका मुख्य उद्देश्य मासिक धर्म के उत्पाद और धन इकट्ठा करना है. इसका इस्तेमाल पूरे पाकिस्तान में बाढ़ प्रभावित इलाकों की महिलाओं और लड़कियों की मदद करने के लिए किया जा रहा है.
इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं को जरूरत
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) के अनुमान के अनुसार, बाढ़ से प्रभावित 33 मिलियन लोगों में कम से कम 16 लाख महिलाएं और युवा लड़कियां हैं जिन्हें मासिक धर्म स्वास्थ्य सहायता की सख्त और तत्काल आवश्यकता है. इनमें लगभग 650,000 गर्भवती महिलाएं शामिल हैं, जो सितंबर के महीने में जन्म देने वाली हैं और वर्तमान में उन्हें तत्काल मातृ स्वास्थ्य और प्रजनन सेवाओं की आवश्यकता है.
क्यों पड़ी इस अभियान को शुरु करने की जरूरत?
बुशरा महनूर ने बताया कि उन्हें ऐसा क्यों लगा कि इस प्रकार के अभियान को शुरू करने की जरूरत है. बुशरा ने कहा कि 2010 में वह केवल 10 साल की थी जब पाकिस्तान में बाढ़ आई थी. चूंकि, वह मूल रूप से अटॉक शहर से है उनके आसपास के कई इलाके बाढ़ से प्रभावित थे. वह अपने माता-पिता के साथ वहां राहत प्रदान करने गई थी. वहां, उसने और उनकी मां ने एक लड़की को देखा जिसकी सलवार (पैंट) पर खून के निशान थे. उसकी मां उसे तंबू में ले गई और पता चला कि उसके मासिक धर्म शुरू हो गए थे और उसके पास इसे संभालने के लिए कुछ भी नहीं था.
उन्होंने बताया कि इस साल उन्हें लासबेला से एक कॉल आई जिसने उन्हें अनु को झकझोर कर रख दिया. बुशरा ने बताया कि हम दोनों ने अलग-अलग शहरों में रहने के बावजूद एक-दूसरे के साथ एक भी व्यक्ति से मुलाकात नहीं की. हमने फैसला किया है कि हम सोशन मीडिया के जरिए इसके लिए एक कैंपेन चलाएंगे. अनम खालिदा ने कहा कि अब तक, दोस्तों और संबंधित लोगों के दान से 12,000 लोगों को मासिक धर्म सहायता किट प्रदान कर चुके हैं. किट एक पैकेज में है जिसमें एक चित्रमय विवरण भी है जिससे की अनपढ़ महिलाओं को भी पैड का उपयोग कैसे करें समझने में आसानी हो सके.
50 हजार महिलाओं तक मदद पहुंचाना टारगेट
महिलाओं की सुरक्षा के लिए अभियान चला रही बुशरा महनूर ने कहा, "हम कम से कम 50,000 और महिलाओं तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं." बुशरा ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि यह कैसे होगा, हमारे पास कोई फंडिंग या संसाधन भी नहीं है न ही हम कोई एनजीओ हैं. हमारा मकसद केवल महिलाओं की मदद करना है. पाकिस्तान में लगभग हर घर की महिलाओं की तरह, उनके पास अपने माता-पिता या परिवार के सामने अपने मासिक धर्म स्वच्छता के मुद्दों के बारे में बात करने की स्वतंत्रता या यहां तक कि अनुमति भी नहीं है.
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