(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Pakistan Floods: पाकिस्तान में बाढ़ से तबाही, सिंध के राहत शिविरों में रहने को मजबूर 47,000 गर्भवती महिलाएं
Flood In Pakistan: पाकिस्तान में आई भीषण बाढ़ की वजह से विस्थापित और राहत शिविरों में रह रहे लोगों में अब बीमारियां फैल रही हैं. सबसे ज्यादा चिंता शिविरों में रह रही गर्भवती महिलाओं की है.
Pakistan Floods: पाकिस्तान में बाढ़ से हालात बद से बदतर हो गए हैं, हजारों लोगों की मौत हो गई है और लाखों लोग बेघर हो गए हैं. देश का एक तिहाई हिस्सा पानी में डूबा है. फसलें बर्बाद हो चुकी हैं और बड़ी संख्या में पशुओं की भी मौत हो गई है. इस सबके बीच राहत शिविरों (Shelter Homes) में रह रहे लोगों की तकलीफें कम नहीं हैं. इनमें खासकर गर्भवती महिलाओं (Pregnant Women) और लड़कियों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई गई है. स्थानीय मीडिया ने रविवार को प्रांतीय स्वास्थ्य मंत्री के हवाले से बताया कि पाकिस्तान में बाढ़ से प्रभावित 47,000 से अधिक गर्भवती महिलाएं सिंध प्रांत (Sindh Region)में आश्रय शिविरों में रहने को मजबूर हैं.
सिंध की स्वास्थ्य मंत्री अजरा पेचुहो (Sindh Health Minister Azra Pechuho) ने बाढ़ से प्रभावित महिलाओं के आंकड़े साझा किए हैं. उन्होंने कहा कि बाढ़ के बाद सैकड़ों हजारों लोग विभिन्न बीमारियों से ग्रसित हो गए हैं. डॉन के हवाले से स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "सिंध प्रांत में डायरिया के 134,000 से अधिक और मलेरिया के 44,000 से अधिक मामले सामने आए हैं."
देश में 73,000 महिलाएं इस महीने बच्चों को जन्म देंगी
30 अगस्त को, संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) और एक यौन व प्रजनन स्वास्थ्य एजेंसी (Sexual And Reproductive Health Agency) ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कम से कम 650,000 गर्भवती महिलाएं हैं, जिनमें से 73,000 महिलाएं इस महीने पाकिस्तान में बच्चों को जन्म देने वाली थीं. अब गंभीर रूप से बाढ़ से प्रभावित हैं और उन्हें मातृ स्वास्थ्य सेवा की आवश्यकता है.
बाढ़ से बीमारियों का खतरा, महिला सुरक्षा पर चिंता
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने यह भी चेतावनी दी थी कि कई महिलाओं और लड़कियों को लिंग आधारित हिंसा (GBV) का खतरा बढ़ गया है क्योंकि बाढ़ में लगभग दस लाख घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे पूरे पाकिस्तान में लाखों लोग पीड़ित हैं. एजेंसी ने भोर के हवाले से कहा, "सितंबर में 73,000 महिलाओं के प्रसव की उम्मीद है, जिन्हें कुशल जन्म परिचारक, नवजात देखभाल और अन्य लोगों की सहायता की आवश्यकता होगी."
एजेंसी के हवाले से कहा गया है कि गर्भधारण और प्रसव आपात स्थिति या प्राकृतिक आपदाओं के खत्म होने का इंतजार नहीं कर सकते क्योंकि प्रसव के बाद एक महिला और बच्चे को सबसे ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है. डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्री पेचुहो ने कहा कि बाढ़ प्रभावितों लोगों में अब तक 100,000 से अधिक त्वचा से संबंधित, 101 सांप के काटने और 500 कुत्ते के काटने के मामलों की सूचना मिली है.
पाकिस्तान में बाढ़ से हाल-बेहाल
पाकिस्तान ने इस साल अभूतपूर्व बाढ़ का सामना किया है, जिसने देश में लगभग 33 लाख लोगों को प्रभावित किया है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं. आंतरिक विस्थापन के कारण, वर्तमान में 500,000 से अधिक लोग बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा, सिंध और पंजाब में राहत शिविरों में रह रहे हैं.
स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा शनिवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दो महीनों में सिंध से 134,000 से अधिक दस्त के मामले सामने आए हैं. इसी तरह, आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि इस साल जून से अब तक मानसूनी बारिश के दौरान मलेरिया के 44,832 मामले सामने आए हैं. इसमें कहा गया है कि 101 सर्पदंश के मामले भी सामने आए हैं.
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