Pakistan Floods: जलप्रलय से पाकिस्तान कर रहा त्राहिमाम, आंकड़े जारी कर बताया कितना हुआ है नुकसान?
Pakistan Floods: पाकिस्तान में बारिश और बाढ़ से बहुत बड़ा नुकसान हुआ है. पहले से ही आर्थिक संकट झेल रहे देश की हालत को बाढ़ ने और बेहाल कर दिया है. पाकिस्तान ने नुकसान का आंकड़ा जारी किया है.
Pakistan Floods: पाकिस्तान में बारिश और बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है, जिससे पाकिस्तान (Pakistan Economy) को बहुत ज्यादा आर्थिक क्षति हुई है. प्रारंभिक आकलन के अनुसार, विनाशकारी बाढ़ ने पाकिस्तान को तबाह कर दिया है, जिससे 40 बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक का आर्थिक नुकसान हुआ है. आर्थिक क्षति का नया डेटा संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (UN Secretary-General Antonio Guterres) द्वारा दिए गए 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर के आंकड़े से भी अधिक है, जो पिछले सप्ताह पाकिस्तान यात्रा पर गए थे.
पाकिस्तान ने जारी किया बाढ़ से नुकसान का आंकड़ा
एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने मंगलवार को सूचना दी है कि राष्ट्रीय बाढ़ प्रतिक्रिया समन्वय केंद्र (NFRCC) की बाढ़ प्रतिक्रिया केंद्र (Flood Response Centre)की बैठक में सोमवार को 40 बिलियन अमरीकी डॉलर के नुकसान का आंकड़े प्रस्तुत किया गया, जहां वित्त मंत्रालय ने "पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर बाढ़ के प्रभाव का एक प्रारंभिक आकलन" शीर्षक से एक मूल्यांकन रिपोर्ट प्रस्तुत किया. वित्त मंत्रालय की प्रारंभिक मूल्यांकन रिपोर्ट से पता चला है कि आर्थिक नुकसान लगभग 18 बिलियन अमेरिकी डालर था.
योजना मंत्री ने कहा-बैंकों से लोन लेकर करेंगे भरपाई
योजना मंत्री और एनएफआरसीसी के अध्यक्ष, अहसान इकबाल ने कहा, " बाढ़ की विनाशकारी स्थितियों से पता चलता है कि बाढ़ के नुकसान का पैमाना 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 40 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है. हम बाढ़ के व्यापक मूल्यांकन की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं." विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक, प्रांतीय और संघीय सरकारों की मदद से बाढ़ से हुई क्षति की पूर्ति की जाएगी.”
योजना मंत्री ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने बाढ़ के नुकसान का एक प्रारंभिक आकलन प्रस्तुत किया था, जो कि आने वाले समय के लिए किए गए विश्लेषण पर आधारित था, लेकिन मॉडल का परिणाम इस बात पर निर्भर करेगा कि इसमें क्या इनपुट दिया गया था. उन्होंने कहा, "एनएफआरसीसी ने वित्त मंत्रालय को अपनी बाढ़ प्रभाव रिपोर्ट जारी करने पर रोक लगाने का निर्देश दिया है."
एनएफआरसी ने कहा-हम मूल्यांकन रिपोर्ट का इंतजार करेंगे
एनएफआरसीसी के अध्यक्ष ने कहा, "हम व्यापक मूल्यांकन के परिणाम की प्रतीक्षा करेंगे, लेकिन नुकसान बहुत बड़ा है और संयुक्त राष्ट्र महासचिव द्वारा सुझाए गए 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर से भी अधिक है."
सरकार के अनुमान के मुताबिक, पाकिस्तान की जीडीपी भी वित्त वर्ष 2022-2023 के लिए घट रही है और इसके तीन फीसदी घटकर पांच फीसदी रहने की संभावना है. बाढ़ से पहले वित्त मंत्रालय ने 5 फीसदी आर्थिक विकास का लक्ष्य रखा था. आईएमएफ बाढ़ से हुए नुकसान के विश्वसनीय आकलन के आधार पर ही पाकिस्तान के 6.5 अरब डॉलर के बेलआउट कार्यक्रम में किसी भी तरह की छूट पर विचार करेगा.
जीडीपी में भारी गिरावट आ सकती है
सरकार ने कहा है कि अगर घाटा बढ़कर 40 अरब डॉलर हो जाता है, तो इसका मतलब है कि इस साल सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि नकारात्मक हो सकती है और आपूर्ति श्रृंखला के पूर्ण रूप से टूटने के कारण मुद्रास्फीति 30 प्रतिशत को पार कर सकती है. वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, प्रारंभिक मूल्यांकन रिपोर्ट से पता चला है कि बाढ़ के कारण सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि में कुल नुकसान 3.3 प्रतिशत से 3.7 प्रतिशत होगा.लेकिन अगर घाटे को संशोधित कर 40 अरब अमेरिकी डॉलर कर दिया जाता है, तो अर्थव्यवस्था सिकुड़ जाएगी.
सूत्रों के अनुसार. अंतरिम रिपोर्ट से पता चला है कि सार्वजनिक क्षेत्र के विकास कार्यक्रम (पीएसडीपी) का लगभग 20 प्रतिशत या 218 अरब रुपये को आपदा राहत खर्च के मद में देना होगा, जिसके परिणामस्वरूप कम खर्च के कारण 600,000 की अतिरिक्त बेरोजगारी होगी.
अंतरिम रिपोर्ट में, वित्त मंत्रालय ने बाढ़ के कारण व्यापार घाटे पर नकारात्मक प्रभाव को शुरुआती 4 बिलियन अमरीकी डालर से घटाकर 2 बिलियन अमरीकी डालर कर दिया है. इसने चालू खाते के घाटे पर अतिरिक्त प्रभाव का कोई आंकड़ा नहीं दिया है, जबकि पहले 4 अरब डॉलर से 5 अरब डॉलर के आंकड़े दिए गए थे.
वित्त मंत्रालय ने कहा-गरीबी से और बढ़ेगी मुश्किल
वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि विनाशकारी बाढ़ ने समाज के गरीब और कमजोर वर्ग को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, घटती जीडीपी वृद्धि और अर्थव्यवस्था को होने वाले अन्य नुकसान देश में गरीबी की स्थिति को और बढ़ा देंगे, जिससे लगभग 9-12 मिलियन और लोग गरीबी में चले जाएंगे. दूसरी तरफ पाकिस्तान ग्लोबल वार्मिंग का शिकार है, हालांकि इसका योगदान 1 फीसदी से भी कम है. नवंबर में मिस्र में होने वाले आगामी संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन, COP27 के दौरान देश को विकसित देशों से बड़ा समर्थन मिलने की उम्मीद है.
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