Bilawal Bhutto Zardari On Kashmir: पाकिस्तान (Pakistan) के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी (Bilawal Bhutto Zardari) ने माना है कि कश्मीर (Kashmir) मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र के केंद्र में लाने के लिए देश के लिए मुश्किल काम है. पाक विदेश मंत्री ने शुक्रवार (10 मार्च) को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा की आपने यह भी ध्यान दिया है कि संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर को एजेंडे के केंद्र में लाने के लिए हमें विशेष रूप से मुश्किलों सामना करना पड़ रहा है.
वहीं पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र के हर मंच पर जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को उठाता है, चाहे वो कोई दूसरे विषय या एजेंडे पर चर्चा कर रहे हो या नहीं. इस्लामिक देश पाकिस्तान अपनी तरफ से जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र से समर्थन हासिल करने में कामयाब नहीं हो पाया है, जो हमेशा कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा मानता है.
पड़ोसी देश कड़ी आपत्ति जताते हैं
विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने संवाददाता सम्मेलन में आगे कहा कि जब भी कश्मीर का मुद्दा उठाया जाता है, तो हमारे पड़ोसी देश कड़ी आपत्ति जताते हैं. वो इस मुद्दे पर मुखर रूप से आपत्ति जताते हैं और वे एक पोस्ट-फैक्ट नैरेटिव को आगे बढ़ाते हैं. वे हमेशा ऐसा ही करने की कोशिश करते है. वो (भारत) कहते है कि ये संयुक्त राष्ट्र के अंतर्गत आने वाला कोई विवाद नहीं है.
ये एक विवादित क्षेत्र नहीं है, जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए मान्यता प्राप्त हो सके. दूसरी ओर भारत ने साल 2019 अगस्त में जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति को रद्द करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 370 को हटा दिया था. इसके बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया.
कश्मीर और फिलिस्तीन में समानताएं
भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से स्पष्ट रूप से कहा है कि अनुच्छेद 370 को खत्म करना एक आंतरिक मामला था. इसने पाकिस्तान को वास्तविकता को स्वीकार करने और भारत विरोधी सभी प्रचार बंद करने की भी सलाह दी. भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि वह आतंकवाद, शत्रुता और हिंसा से मुक्त वातावरण में पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंधों की इच्छा रखता है.
34 साल के विदेश मंत्री जरदारी ने कहा कि हमें सच्चाई को सामने लाना मुश्किल होती है. हम अपने कोशिशों में लगातार बने रहते हैं. उन्होंने कहा कि हम हर मौके पर चाहे वो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक हो या कुछ और हम फिलिस्तीन और कश्मीर के लोगों की दुर्दशा को सामने रखते है. जरदारी ने कहा कि कश्मीर के लोगों की दुर्दशा और फिलिस्तीन के लोगों की दुर्दशा के बीच कई समानताएं हैं. दोनों मुद्दे संयुक्त राष्ट्र के सामने अनसुलझे हैं. हम चाहेंगे न केवल फिलिस्तीन पर बल्कि कश्मीर पर भी अतिरिक्त ध्यान देना चाहिए.
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