लंदन: पाकिस्तान में मीडिया पर बढ़ती सेंसरशिप की रिपोर्टों के बीच पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को लंदन में पत्रकारों के बीच शर्मिंदगी सामना करना पड़ा. दरअसल प्रेस कॉन्फ्रेंस एक कनाडाई पत्रकार ने बीच में रोक दिया. पत्रकार ने आरोप लगाया कि सरकार की शिकायतों के बाद उसका सोशल मीडिया अकाउंट निलंबित कर दिया गया.


कुरैशी गुरुवार 'मीडिया की आजादी की रक्षा करो' पर एक संवाददाता सम्मेलन कर रहे थे, उसी समय यह घटना हुई. इससे कुछ दिन पहले पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण ने जेल में बंद पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के साक्षात्कार का प्रसारण करने के लिए तीन निजी टीवी चैनलों का ट्रांसमिशन रद्द कर दिया.


यह कदम तब उठाया गया जब पाकिस्तान सरकार ने जेल में बंद नेताओं जैसे कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और जरदारी को प्रेस में दी जा रही कवरेज को रोकने का फैसला किया है. ''डॉन'' अखबार की खबर के अनुसार, कनाडा की घोर दक्षिणपंथी राजनीतिक वेबसाइट रेबेल मीडिया के पत्रकार इजरा लेवेंट ने मंत्री को बीच में रोका और आरोप लगाया कि पाकिस्तानी सरकार की शिकायतों के कारण उनका टि्वटर अकाउंट निलंबित कर दिया गया.


उन्होंने ट्वीट किया, ''टि्वटर ने मेरा पूरा अकाउंट बंद नहीं किया बल्कि उन्होंने एक ट्वीट हटा दिया जिसे उन्होंने बताया कि वह पाकिस्तानी कानून का उल्लंघन करता है. टि्वटर ने मुझे एक ईमेल में यह कहा. मैं कनाडा में हूं. टि्वटर अमेरिका में है लेकिन पाकिस्तान ने हमें सेंसर कर दिया.''


पाकिस्तानी पत्रकार मुनिजा जहांगीर ने टि्वटर पर घटना का वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में लेवेंट ने कहा कि आयोजकों को बोलने की आजादी के बारे में बात करने के लिए एक ''सख्त ठग'' को आमंत्रित करने के लिए शर्म आनी चाहिए. इन आरोपों पर कुरैशी ने कहा, ''पहली बात अगर आप चाहते हैं कि आपकी भावनाओं की कद्र हो तो अपनी भाषा को देखो. क्या यह सही तरीका है? आपको सवाल पूछने का अधिकार है.''


उन्होंने कहा, ''आपके दोहरे मापदंड है जिसे आप आजादी कहते है. कई बार आप कुछ खास एजेंडा चला रहे होते हैं.'' उन्होंने तीन टीवी चैनलों को बंद करने, पत्रकारों की गिरफ्तारी और सेंसरशिप के गहराते संकट पर कहा कि पत्रकारों का मुंह बंद करने का कोई सवाल ही नहीं है.