इस्लामाबाद: अमेरिकी मीडिया ने पाकिस्तान पर बेहद गंभीर आरोप लगाए थे. अमेरिका के इस पूर्व सहयोगी पर लगाए गए आरोप में अमेरिकी मीडिया ने कहा था कि चीन इस देश में फाइटर प्लेन के निर्माण की योजना बना रहा है. इस पर अपना बचाव करते हुए पाकिस्तान ने कहा है कि पाकिस्तान में चीन का निवेश पूरी तरह से आर्थिक है और इसका किसी सैन्य गतिविधि से कोई लेना देना नहीं है. ये बयान पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने दिया है.


मोहम्मद फैसल ने मीडिया को दिए गए एक बयान में ये बातें कहीं. उनसे अमेरिकी मीडिया में उठाए गए इस सावल का जवाब मांगा गया जिसमें ये आरोप लगाया गया था कि पाकिस्तान में चीन ने फाइटर प्लेन बनाने की योजना बना रखी है. सीपेक के तहत होने वाली 60 बिलियन डॉलर के चीनी निवेश के तहत देश में अन्य सैन्य हार्डवेयर के बनाए जाने की बात भी अमेरिकी मीडिया ने कही थी. फैसल ने इन आरोपों को नकार दिया है.


अमेरिकी मीडिया द न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट में बताया गया था कि पाकिस्तान और चीन दोनों मिलकर पाकिस्तान में फाइटर प्लेन निर्माण पर अंतिम मुहर लगाने वाले हैं. चीन ने पिछले हफ्ते ही इन ख़बरों का खंडन कर दिया था. पाकिस्तानी मीडिया द डॉन की एक रिपोर्ट में फैसल के हवाले से कहा गया कि चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपेक) पूरी तरह से एक आर्थिक परियोजना है.


फैसल ने अपने बयान में कहा, "सीपेक ने पाकिस्तान को अपनी अर्थव्यवस्था सुधारने में मदद की है, ख़ास तौर पर एनर्जी और आधरभूत संरचना के क्षेत्र में इसकी वजह से खासा सुधार हुआ है. सीपेक एक द्वीपक्षीय आर्थिक परियोजना है जो किसी देश के ख़िलाफ़ नहीं है." आपको बता दें कि सीपेक चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वकांक्षी बेल्ट एंड रोड (बीआरआई) परियोजना का हिस्सा है. बाकी देशों में जो निवेश बीआरआई के नाम से हो रही है, पाकिस्तान में उसी का नाम सीपेक है.


वैसे चीन-पाकिस्तान को हर मौसम दोस्त कहा जाता है. दोनों मिलकर जे-17 नाम का लड़ाकू विमान बना रहे हैं लेकिन ये सीपेक के निवेश के तहत नहीं हो रहा है. वहीं, ये जानकारी भी आम है कि पाकिस्तान की निगाहें चीन के कई विमानों पर है जिनमें स्टील्थ फाइटर जेट विमान भी शामिल हैं.


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