Imran Khan: इमरान खान और बुशरा बीबी की शादी के 'गैर इस्‍लामिक' होने के केस में शुक्रवार (2 फरवरी) को अदियाला जेल में 14 घंटे की लंबी सुनवाई के बाद सिविल जज कुदरतुल्लाह ने फैसला सुरक्षित रख लिया. सुनवाई के दौरान इमरान खान और बुशरा के बयान आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 342 के तहत दर्ज किए गए.


बचाव पक्ष के वकीलों ने मामले में चार गवाहों से जिरह भी पूरी की. इन गवाहों में खावर मेनका, अवन चौधरी, मुफ्ती सईद और मुहम्मद लतीफ शामिल थे. सुनवाई के दौरान बुशरा बेगम ने कहा कि नवंबर 2017 में उनके तलाक की बात पूरी तरह झूठी है. उन्होंने कहा कि खावर मेनका ने उन्हें अप्रैल 2017 में तलाक दे दिया था, जिसके बाद अगस्त तक उन्होंने अपनी प्रतीक्षा अवधि पूरी कर ली थी. 


बुशरा ने कहा अप्रैल 2017 में तलाक देने के बाद वह अपनी मां के घर चली गई थीं और अगले साल जनवरी 2018 में इमरान खान से शादी कर ली. उन्होंने इस बात से इनकार किया कि दूसरा निकाह हुआ है.


इसी मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट में हुई थी नोकझोंक
एक रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में इसी मामले में सुनवाई के दौरान बुशरा बेगम और इमरान खान की खावर मेनका के साथ काफी नोकझोंक हुई थी. इस दौरान बुशरा के वकील ने मेनका को कोर्ट से बाहर कर देने की धमकी दे डाली थी. इस दौरान मेनका ने इमरान खान पर उनका घर नष्ट करने का आरोप लगाया था. बुशरा के एक साथी ने मेनका पर मुक्का मारने की कोशिश की थी.


बता दें कि अदियाला जेल में इमरान खान और बुशरा बीबी की शादी के 'गैर इस्‍लामिक' होने के केस की सुनवाई हो रही थी. मामले में इमरान और बुशरा पर इद्दत पूरी होने से पहले शादी करने का आरोप लगाया गया है. यह आरोप बुशरा बेगम के पहले पति खावर मेनका ने लगाया है. खान को पहले ही साइफर मामले में 10 साल और तोशाखाना मामले में 14 साल जेल की सजा सुनाई जा चुकी है. बुशरा को दूसरे मामले में भी 14 साल जेल की सज़ा सुनाई गई थी.


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