Imran Khan Attacked: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार(26 नवंबर) को आरोप लगाया कि इस महीने की शुरुआत में उनकी हत्या के नाकाम प्रयास में शामिल ‘‘तीन अपराधी’’ उन्हें फिर से निशाना बनाने की ताक में हैं.


रावलपिंडी में अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की एक बड़ी रैली को संबोधित करते हुए खान ने कहा कि उनका मौत के साथ करीबी सामना हुआ था और उन्होंने अपने ऊपर हमले के दौरान गोलियों को सिर के ऊपर से गुजरते हुए देखा था. रावलपिंडी में ही सेना का भी मुख्यालय है. हमले की घटना के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं को अपने पहले संबोधन में खान ने आरोप लगाया कि ‘‘तीन अपराधी’’ फिर से उन पर हमला करने की ताक में हैं.


हमले के पीछे कौन था?


इमरान खान (70) ने बार-बार आरोप लगाया है कि उन पर हमले के पीछे प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह और खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के ‘काउंटर इंटेलिजेंस विंग’ के प्रमुख मेजर-जनरल फैसल नसीर थे.


खान ने अपने समर्थकों से आह्वान किया कि अगर वे आजादी से जीना चाहते हैं तो मौत के डर से बेखौफ हो जाएं. उन्होंने कर्बला की लड़ाई का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘डर पूरे देश को गुलाम बना देता है.’’ कर्बला में पैगंबर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन और उनके परिवार के सदस्यों की हत्या कर दी गई थी क्योंकि उन्होंने अपने समय के अत्याचारी शासक के खिलाफ आवाज उठाई थी.


इमरान खान क्या सलाह मिली? 


इमरान खान, शनिवार (26 नवंबर) को रावलपिंडी में एक हेलीकॉप्टर से पहुंचे. उनके साथ डॉक्टरों की एक टीम भी थी. पूर्व प्रधानमंत्री खान ने कहा कि जब वह लाहौर से निकल रहे थे तो सभी ने उन्हें सलाह दी कि वह अभी घायल हैं इसलिए ना जाएं क्योंकि इससे खतरा हो सकता है.


'मौत का खौफ छोड़ दें'


इमरान खान ने कहा कि वह इसलिए आगे बढ़े क्योंकि उन्होंने मौत को करीब से देखा था. उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप जीना चाहते हैं, तो मौत का खौफ छोड़ दें.’’ खान ने कहा कि राष्ट्र एक ‘‘निर्णायक बिंदु’’ और ‘‘चौराहे’’ पर खड़ा है, जिसके सामने दो रास्ते हैं- एक रास्ता दुआओं और महानता का है जबकि दूसरा रास्ता अपमान और विनाश का है. वह देश में जल्द आम चुनाव की मांग करते हुए ‘लॉन्ग मार्च’ का नेतृत्व कर रहे हैं.


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