जेल में बंद इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी को बड़ी राहत, इतने दिनों के लिए मिली अंतरिम जमानत
Bushra Biwi Interim Bail: बुशरा बीबी अपने वकीलों के साथ अदालत के सामने पेश हुईं और नौ मई की हिंसा से जुड़े 23 मामलों समेत कुल 32 मामलों में जमानत मांगी.
Bushra Biwi Interim Bail: पाकिस्तान के एक जिला एवं सत्र न्यायालय ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी को 26 नवंबर के विरोध प्रदर्शन से संबंधित मामलों में 13 जनवरी तक अंतरिम जमानत दे दी है. ड्यूटी जज शबीर भट्टी ने उनकी अंतरिम जमानत याचिकाओं की सुनवाई की अध्यक्षता की. बुशरा बीबी तरनोल पुलिस स्टेशन में दर्ज चार मामलों और रमना पुलिस स्टेशन में दर्ज तीन मामलों में अंतरिम जमानत मांगने के लिए अपनी कानूनी टीम के साथ अदालत में पेश हुईं.
अदालत ने प्रत्येक मामले के लिए 50,000 रुपये के मुचलके जमा करने पर उनकी जमानत मंजूर कर ली. उनके वकील ने बताया कि इससे पहले 21 दिसंबर को रावलपिंडी में आतंकवाद निरोधी अदालत (एटीसी) ने 32 मामलों में उन्हें 13 जनवरी तक अंतरिम जमानत दी थी.
रावलपिंडी, अटक और चकवाल में दर्ज मामलों में मिली अंतरिम जमानत
खबरों के मुताबिक, बुशरा बीबी अपने वकीलों के साथ एटीसी के समक्ष पेश हुईं और नौ मई की हिंसा से जुड़े 23 मामलों समेत कुल 32 मामलों में जमानत मांगी. रावलपिंडी, अटक और चकवाल में दर्ज मामलों में उन्हें अंतरिम जमानत मिल गई है.
उनके वकील फैसल मलिक ने दलील दी कि बुशरा बीबी के खिलाफ दर्ज मामले राजनीति से प्रेरित हैं और बदला लेने के मकसद से हैं. एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, मीडिया से बात करते हुए, फैसल मलिक ने कहा कि बुशरा बीबी ने खुद को एटीसी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था, यह कहते हुए कि उन्हें अकेले रावलपिंडी में 23 मामलों में नामजद किया गया था.
इमरान खान से लिया जा रहा राजनीतिक प्रतिशोध: पीटीआई
इस बीच, पीटीआई के सूचना सचिव शेख वकास अकरम ने पार्टी के संस्थापक इमरान खान और उनकी पत्नी के खिलाफ 19 करोड़ पाउंड के भ्रष्टाचार के मामले की निंदा करते हुए इसे राजनीतिक प्रतिशोध का सबसे खराब उदाहरण बताया. 23 नवंबर को पेशावर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, अकरम ने चेतावनी दी कि लोग इमरान खान के खिलाफ आगे अन्याय बर्दाश्त नहीं करेंगे.
पीटीआई ने इमरान खान की रिहाई की मांग करते हुए 24 नवंबर को विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. प्रदर्शन के दौरान पीटीआई का काफिला खैबर पख्तूनख्वा से इस्लामाबाद चला गया और प्रदर्शनकारी 26 नवंबर को डी-चौक पहुंच गए, जहां सुरक्षाकर्मियों ने लोगों को तितर-बितर करने और प्रदर्शन खत्म कराने के लिए देर रात तक अभियान चलाया.
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