Imran Khan: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने मंगलवार को कहा कि वह 28 अक्टूबर से अपना ‘‘हकीकी आजादी’’ मार्च शुरू करेंगे, ताकि सरकार को नेशनल असेंबली को भंग करने और इंटरवल (बीच में) चुनावों की घोषणा करने के लिए मजबूर किया जा सके.


पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग (ECP) ने उपहारों की बिक्री से हुई आय का खुलासा न करने को लेकर 70 वर्षीय खान को पिछले सप्ताह अयोग्य घोषित कर दिया था. हालांकि, इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने सोमवार को कहा कि खान को भविष्य में चुनाव लड़ने से बैन नहीं किया गया था.


इमरान खान नेतृत्व करेंगे





लाहौर में मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस सम्मेलन को संबोधित करते हुए खान ने कहा कि मार्च 28 अक्टूबर को लिबर्टी चौक से शुरू होगा और वह खुद इसका नेतृत्व करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘हम 11 बजे इकट्ठा होंगे और इस्लामाबाद की ओर मार्च करना शुरू करेंगे.’’


उन्होंने कहा, ‘‘हम किसी भी हिंसा के लिए इस्लामाबाद नहीं जा रहे हैं, हम कोई कानून नहीं तोड़ेंगे, हम हाई सिक्योरिटी एरिया ‘रेड जोन’ में प्रवेश नहीं करेंगे, हम राजधानी में उस जगह पर विरोध प्रदर्शन करेंगे, जिसे हाई कोर्ट के तरफ से चुना गया है.’’


शांतिपूर्ण तरीके से होगा मार्च


इमरान खान ने दोहराया कि मार्च में शामिल सभी लोग शांतिपूर्ण व्यवहार करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘हकीकी आजादी के लिए हमारा मार्च होगा और इसकी कोई समय सीमा नहीं होगी. हम जीटी रोड से इस्लामाबाद पहुंचेंगे और संपूर्ण देश के लोग पाकिस्तान से इस्लामाबाद आएंगे.’’


खान ने कहा, ‘‘यह राजनीति से इतर कुछ अलग होगा. यह इन चोरों से आजादी की लड़ाई है जो हम पर थोपी गई है. यह जिहाद तय करेगा कि देश किस ओर जाएगा.’’


क्या है पूरा मामला 


पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ECP) ने शुक्रवार (21 अक्टूबर) को इमरान खान पर कीमती उपहारों की बिक्री से आय छिपाने का दोषी पाए जाने के बाद पांच साल के लिए चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी. इसे लेकर इमरान ने अपने वकील बैरिस्टर अली जफर के माध्यम से इस्लामाबाद हाईकोर्ट में अपील दायर की थी.


कोर्ट ने अपील को स्वीकार करते हुए आज सुनवाई की. आरोप है कि इमरान खान ने तोशाखाना की तोहफे में दी गई तीन घड़ियां एक स्थानीय घड़ी डीलर को 15.4 करोड़ रुपये से ज्यादा में बेचीं हैं. 


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