Pervez Musharraf Buried: कराची में सुपुर्द-ए-खाक हुए परवेज मुशर्रफ, नमाज-ए-जनाजा से दूर रहे पीएम शहबाज शरीफ और आर्मी चीफ
Pervez Musharraf: परवेज मुशर्रफ को पाकिस्तान में विदेशी निवेश के लिए प्रेरित करने का श्रेय दिया जाता है. देश ने उनके शासन के दौरान लगभग 30 सालों का सबसे मजबूत आर्थिक विकास देखा था.
Pervez Musharraf Buried: पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf ) का लंबी बीमारी के बाद रविवार (5 फरवरी) को दुबई में निधन हो गया था. वह 79 साल के थे. उनका इलाज दुबई के एक अस्पताल में चल रहा था. उनके पार्थिव शरीर को मंगलवार (7 फरवरी) को गृह नगर कराची में दफनाया गया. उनका अंतिम संस्कार मालिर छावनी के पोलो ग्राउंड में किया गया.
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ 11 सितंबर, 2001 को अमेरिका पर हुए हमलों के बाद अल कायदा के खिलाफ अभियान में एक प्रमुख अमेरिकी सहयोगी भी रह चुके थे.
मुशर्रफ पाकिस्तान में एक विवादास्पद व्यक्ति थे. पाकिस्तान में 1999 में तख्तापलट के समय वह आर्मी चीफ थे. इसके बाद वह देश के राष्ट्रपति बन गए. वह करीब आठ वर्षों तक राष्ट्रपति रहे थे. वह 2016 से दुबई में रह रहे थे. उन्हें एक तरह की दुर्लभ बीमारी थी.
कठोर रवैये के लिए थे फेमस
पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को पाकिस्तान में विदेशी निवेश के लिए प्रेरित करने का श्रेय दिया जाता है, जिससे उनके शासन के दौरान लगभग 30 सालों में सबसे मजबूत आर्थिक विकास देखा गया. उन्होंने सैन्य और पाकिस्तानियों के समर्थन का आनंद लिया. कहा जाता है कि जनता ने उग्रवादी समूहों के खिलाफ मुशर्रफ कार्रवाई का समर्थन किया था. मुशर्रफ असहमति के प्रति अपने कठोर रवैये के लिए भी फेमस थे, जिसमें वर्तमान प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ जैसे उनके कथित विरोधियों को गिरफ्तार करना और लगभग छह सप्ताह तक आपातकाल लागू करना शामिल था और जिसमें उन्होंने संविधान को निलंबित कर दिया और मीडिया को सेंसर कर दिया था.
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ रहे गैर-मौजूद
मुशर्रफ के पार्थिव शरीर को सैन्य प्रोटोकॉल के साथ दफनाया गया. इस दौरान पाक सेना के पूर्व प्रमुख कमर जावेद बाजवा, अशफाक परवेज कयानी और कराची स्थित मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (MQM) राजनीतिक दल के सदस्य मौजूद रहे, लेकिन अंतिम संस्कार में देश के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और वर्तमान आर्मी चीफ असीम मुनीर नहीं पहुंचे.
ये भी पढ़ें: चीनी जासूसी गुब्बारे को मारना भारत के लिए कितना आसान है?