पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने तोशखाना से उपहार बेचने को लेकर उपजे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए सोमवार को कहा कि यह उनके उपहार हैं, इसलिए उनकी मर्जी है कि उन्हें अपने पास रखें या नहीं. पाकिस्तान के कानून के अनुसार, किसी विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त कोई भी उपहार सरकारी निक्षेपागार या तोशखाने में रखा जाना चाहिए. जियो न्यूज पाकिस्तान ने खान के हवाले से कहा, 'मेरा तोहफा, मेरी मर्जी'. खान पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्हें अविश्वास प्रस्ताव के जरिये अपदस्थ किया गया है.


खान ने तोशखाना से उपहार बेचने संबंधी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी के इल्जाम बेबुनियाद हैं क्योंकि जो कुछ भी 'तोशखाने से बेचा गया, उसका रिकॉर्ड मौजूद है और यदि किसी के पास भ्रष्टाचार के संबंध में साक्ष्य हैं, तो उसे आगे आना चाहिये.'


पैसे देने के बाद खरीदे उपहार


खान ने कहा कि मैंने अपने आवास पर एक राष्ट्रपति द्वारा भेजा गया उपहार जमा किया. मैंने तोशखाना से जो कुछ भी लिया, वह रिकॉर्ड में है. मैंने लागत का 50 प्रतिशत भुगतान करने के बाद उपहार खरीदे." पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष खान ने कहा, "अगर मैं पैसा कमाना चाहता, तो मैंने अपने घर को कैंप ऑफिस घोषित कर दिया होता, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया." एआरवाई न्यूज पाकिस्तान ने खान के हवाले कहा, 'मैं खुदा का शुक्रगुजार हूं कि तीन साल के (शासन) में उन्हें मेरे खिलाफ सिर्फ तोशखाना उपहार कांड मिला है, जिसके बारे में पहले ही जानकारी उपलब्ध है. '


तीन सालों में मिले 58 उपहार


यह मामला पिछले हफ्ते तब सामने आया था जब प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा था कि खान ने अपने कार्यकाल के दौरान दुबई में तोशखाने से 14 करोड़ रुपये के उपहार बेचे. पाकिस्तान के मीडिया में आईं खबरों के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री खान को अपने साढ़े तीन साल के कार्यकाल के दौरान विश्व नेताओं से 14 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के 58 उपहार मिले और उन्होंने उन सभी उपहारों को या तो मामूली राशि का भुगतान करके या बिना किसी भुगतान के अपने पास रख लिया.


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