इस्लामाबाद/नई दिल्ली: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में कल हुए आम चुनाव के वोटों की गिनती जारी है. इस बीच क्रिकेट से राजनीति में आए इमरान ख़ान की पार्टी सबसे ज़्यादा 120 सीटों पर आगे चल रही है. ज़ाहिर सी बात है कि सीटों की संख्या के लिहाज़ से उन्हें विजेता माना जा रहा है, लेकिन अभी तक जीतने वाले को लेकर पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है. हालांकि ये नंबर बहुमत से काफी दूर है, ऐसे में न्यूक्लियर मिसाइलों वाले इस इस्लामिक देश को स्थिर सरकार मिलने की उम्मीद नज़र नहीं आ रही है, जिसकी वजह से एक बात साफ है कि हमेश की तरह यहां के शासन में आर्मी का पुरज़ोर दखल रहेगा.
देश के सबसे प्रतिष्ठित अख़बार द डॉन के मुताबिक वोटिंग के 19 घंटे पूरे हो जाने के बाद भी 50 प्रतिशत से अधिक मतदान केंद्रों के वोटों की गिनती होना बाकी है. इस बीच भ्रष्टाचार के मामले में सज़ा काट रहे देश के पूर्व पीएम नवाज़ शरीफ़ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज़ (पीएमएल-एन) के अलावा बाकी की पार्टियों ने भी चुनाव में धंंधाली का आरोप लगाया है. शरीफ की पार्टी 61 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर है, वहीं अब दुनिया में नहीं रहीं दो बार की पीएम बेनज़ीर भुट्टो के बेटे बिलावल की पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) 40 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर है. एमएमए और एमक्यूएम जैसी पार्टियां आठ-आठ सीटों के साथ तीसरे नंबर पर हैं.
आगे पढे़ इस चुनाव के अब तक के बड़े घटनाक्रम-
इमरान ख़ान की पार्टी पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ के समर्थक- तस्वीर, साभा (इमरान का फेसबुक पेज)
- पाकिस्तान में कल हुए आम चुनाव के बाद कल शाम से ही लगातार वोटों की गिनती जारी है. 272 में 270 सीटों पर हुए चुनाव में इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सबसे आगे चल रही है. वहीं, दूसरे नंबर पर नवाज़ शरीफ़ की पार्टी पीएमएल-एन और तीसरे नंबर पर बिलावल भुट्टों की पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी है.
- पाकिस्तान में आम चुनाव के साथ राज्यों में भी वोट पड़े हैं. पंजाब में पाकिस्तान मुस्लीम लीग- नवाज़ पार्टी आगे है. हालांकि, उसे इमरान खान की पार्टी से कड़ी टक्कर मिली है. सिंध में भुट्टो की पार्टी का जलवा बरकरार है. खैबर पख्तूनख्वा में इमरान की पार्टी जीत रही है, जबकि बलूचिस्तान में पिछली बार की तरह बीएनपी और बीएपी जीत की ओर हैं.
- इमरान की जीत पर नवाज की पार्टी पीएमएल- एन चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है. पार्टी प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने वोटों की गणना की प्रक्रिया पर आपत्ति जताई है और आरोप लगाया है कि उनकी पार्टी के एजेंटों को कई निवार्चन क्षेत्रों के मतदान केंद्रों से बाहर किया गया है. पीपीपी के मौला बक्स चंदियों ने भी दावा किया है कि उनकी पार्टी के एजेंटों को बादिन में मतदान केंद्रों के अंदर नहीं जाने दिया गया. हालांकि, पाक चुनाव आयोग आरोपों को गलत बता रहा है.
- एक तरफ तो इमरान के समर्थकों ने जीत का जश्न मनाना शुरू कर दिया है, लेकिन अभी तक ना तो उनकी पार्टी और ना ही इमरान के अपने ट्वीटर हैंडल या किसी आधिकारिक प्लेटफॉर्म से जीत की कोई घोषणा की गई है. उन्होंने अपने आखिरी ट्वीट में कल देश के क्वेटा में हुए बम धमाके की आलोचना की है जिसके बाद से उनके हैंडल से कोई ट्वीट नहीं किया गया है.
- इमरान खान की जीत की आंधी में नवाज़ शरीफ़ की पार्टी के कई दिग्गज नेताओं को भी हार का मुंह देखना पड़ा है. इसी कड़ी में शरीफ के बाद पीएम की कुर्सी संभालने वाले शाहिद खाकान अब्बासी भी अपनी सीट बचाने में कामयाब नहीं हो पाए और उन्हें इमरान की पार्टी के सदाकत अली अब्बासी ने 5 हजार से ज्यादा वोटों से मात दे दी.
- इमरान खान की पूर्व पत्नी जेमिमा खान गोल्डस्मिथ ने पीटीआई की कामयाबी पर अपने पूर्व पति को मुबारकबाद दी है. सोशल मीडिया पर जेमिमा गोल्डस्मिथ ने कहा कि 22 साल की लगातार कोशिश और कुर्बानियों के बाद मेरे बेटों के पिता पाकिस्तान के अगले प्रधानमंत्री हैं.
- मुंबई हमले के मास्टरमाइंड आतंकी हाफिद सईद की पार्टी पाकिस्तान के आम चुनावों में एक सीट भी नहीं जीत पाई. हाफिज सईद की पार्टी अल्लाह-ऊ-अकबर तहरीक ने पहली बार आम चुनावों में हिस्सा लिया है. हाफिज सईद खुद तो चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन उसके समर्थकों ने किस्मत आजमाई. हाफिज ने 260 प्रत्याशियों को राष्ट्रीय और प्रांतीय चुनावों में उतारा था. उसका दावा था कि वो इस चुनाव में बड़ी जीत दर्ज करेगा.
- अगर इस संसदीय चुनाव में किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला तो पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ‘किंगमेकर’ की भूमिका निभा सकती है.
2013 में किसे कितनी सीटें मिलीं?
भारत की तरह पाकिस्तान में भी हर पांच साल बाद चुनाव होते हैं.साल 2013 के चुनाव में नवाज़ शरीफ की पार्टी पीएमएल (एन) को 126, भुट्टो की पार्टी पीपीपी को 34, इमरान की पार्टी पीटीआई को 28 और अन्य को 81 सीटें मिली थीं. नवाज शरीफ ने बहुमत के साथ सरकार बनाई थी.
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कुल 342 सदस्य होते हैं, जिनमें से 272 को सीधे तौर पर चुना जाता है. जबकि शेष 60 सीटें महिलाओं और 10 सीटें धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं. आम चुनावों में पांच फीसदी से ज्यादा वोट पाने वाली पार्टियां इन आरक्षित सीटों पर समानुपातिक प्रतिनिधित्व के हिसाब से अपने प्रतिनिधि भेज सकती हैं. कोई पार्टी तभी अकेले दम पर तभी सरकार बना सकती है जब उसे 172 सीटें हासिल हो जाएं.
इमरान खान- एक परिचय
65 साल के इमरान खान पूर्व क्रिकेटर हैं. इमरान ने पिछले चुनाव के बाद भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन छेड़ा था जिसकी वजह से नवाज को पीएम की कुर्सी गंवानी पड़ी. इमरान को सेना का समर्थन हासिल है. और उन्हें सेना के उम्मीदवार के तौर पर देखा जाता है. कट्टरपंथियों से करीबी और चरमपंथियों से बातचीत की मांग करने के रूप में इमरान जाने जाते हैं.
इमरान के PM होने पर कैसे होंगे भारत-पाक रिश्ते
एक बड़ा सवाल ये है कि इमरान खान के पीएम बनने का भारत-पाक रिश्तों पर क्या असर पड़ेगा. इस सवाल के जवाब में विदेशी मामलों के जानकार कमर आगा का कहना है, "जहां तक कश्मीर और भारत का सवाल है, पाकिस्तान की नीति वही होगी जो पाकिस्तान की सेना तय करेगी. इमरान खान खुद भी कह चुके हैं कि वो सेना के साथ मिलकर काम करेंगे. पाकिस्तान में इमरान खान के बारे में कहा जाता है कि वो सेना के पोस्टर बॉय हैं. वो वही करते हैं जो सेना उनसे कहती है.’’
बता दें कि इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि उनकी पार्टी भारत के साथ शांतिपूर्ण रिश्ते चाहती है और उसी तरफ अपने कदम आगे बढ़ाएंगी. वहीं, कश्मीर को लेकर घोषणा पत्र में कहा गया है कि इस मामले में पाकिस्तान तटस्थता से अपना रुख संयुक्त राष्ट्र के साथ रखेगा.
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