इस्लामाबाद: पाकिस्तान के चुनावी इतिहास में पहली बार खैबर पख्तूनख्वा और पंजाब प्रांत के रूढ़िवादी इलाकों की महिलाओं ने आम चुनाव में मतदान किया है. समाचार पत्र ‘द डॉन’ ने अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी. इसमें कहा गया है कि आतंकवादी हमलों और लगातार धमकियों के बावजूद अशांत बलूचिस्तान में भी कल महिलांए बड़ी संख्या में मतदान के लिए निकलीं.


इससे पहले आम चुनावों में कबायली और रूढ़िवादी इलाकों में महिलाओं के मतदान पर पाबंदी थी. इन इलाकों में महिलाओं को मतदान से दूर रखने के लिए उम्मीदवारों और परिवार के मुखिया के बीच एक लिखित और मौखिक समझौते का नियम था.


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हालांकि, पहली बार पाकिस्तानी चुनाव आयोग (ईसीपी) ने 2015 में दिर लोवर उपचुनाव के परिणाम को यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि एक भी रजिस्टर्ड महिला ने इसमें मतदान नहीं किया है. चुनाव कानून के अनुसार अगर विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदान में महिलाओं का मतदान प्रतिशत 10 से कम है तो ईपीसी चुनाव को रद्द कर देगा.


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ईसीपी के दिशानिर्देश पर कल उम्मीदवारों और स्थानीय प्रशासन ने इन इलाकों में कम से कम 10 प्रतिशत महिला मतदाताओं की भागीदारी सुनिश्चित की.


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