Pakistan News: बांग्लादेश में शेख हसीना के इस्तीफे के पीछे अमेरिका और पाकिस्तान का हाथ होने का शक है. शेख हसीना के इस्तीफे से पाकिस्तान और अमेरिका काफी खुश भी नजर आ रहे हैं. इस बीच पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर अलग ही बवाल मचा है. लोग पाकिस्तान की तुलना बांग्लादेश से कर रहे हैं, जिसके बाद पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर भड़क गए हैं. उन्होंने कहा कि भले ही उनका देश नकदी संकट से जूझ रहा हो लेकिन पाकिस्तान की तुलना बांग्लादेश से की जाएगी तो वह बर्दाश्त नहीं करेंगे. सेना प्रमुख ने कहा कि राष्ट्र की अखंडता के लिए वे हमेशा तत्पर हैं. 


दरअसल, गुरुवार को पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने अराजकता पैदा करने वालों के खिलाफ चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि हमारे सशस्त्र बल इस तरह के किसी भी कदम को विफल करने में सक्षम हैं. माना जा रहा है कि मुनीर की यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे तमाम मीम्स के बाद आई है, जिसमें पाकिस्तान की तुलना बांग्लादेश से की जा रही है. बांग्लादेश में छात्रों का प्रदर्शन इतना उग्र हो गया है कि 15 सालों से सत्ता पर काबिज शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा. शेख हसीना को बांग्लादेश की सेना ने 45 मिनट का अल्टीमेटम दिया था. 


जनरल ने मौलवियों के सम्मेलन को किया संबोधित
इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस ने जनरल मुनीर के हवाले से मीडियो को बताया कि 'यदि पाकिस्तान में कोई अराजकता पैदा करना चाहता है तो हम उसके सामने खड़े होंगे. दुनिया की कोई भी ताकत पाकिस्तान को नुकसान नहीं पहुंचा सकती है, क्योंकि यह देश हमेसा से मजबूती के साथ रहने के लिए खड़ा है.' मौलवियों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए जनरल मुनीर ने शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए सेना के समपर्ण को दोहराया. 


सोशल मीडिया फैला रहा अराजकता- जनरल मुनीर
जनरल मुनीर ने मौलवियों और विद्वानों से कहा कि अतिवाद या भेदभाव को खत्म कर सहिष्णुता और एकता को प्रोत्साहित करने के लिए काम करें. उन्होंने कहा कि समाज में संयम वापस लाने के लिए दुनिया से भ्रष्टाचार को खत्म करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया समाज में अराजकता फैलाने क प्रयास कर रहा है. जनरल मुनीर ने इस्लामी शरिया और संविधान को बनाए रखने का संकल्प लिया. इस दौरान पाकिस्तानी जनरल ने उग्रवाद की आलोचना की. उन्होंने इस्लामी शिक्षा को दोहराते हुए कहा कि धर्म में कोई जबरदस्ती नहीं है. उन्होंने आपराधिक माफियाओं द्वारा आतंकवाद के समर्थन की भी निंदा की.


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