पाकिस्तान की पनडुब्बी बेड़े के लिए जर्मन तकनीक पाने की कोशिशों को झटका
पाकिस्तान के पास फिलहाल 8 पनडुब्बियां हैं और इनमें से केवल 3 में ही एआईपी सिस्टम मौजूद है.
नई दिल्ली: पाकिस्तान की अपने पनडुब्बी बेड़े की ताकत बढ़ाने की कोशिशों को झटका लगा है. जर्मनी ने पाकिस्तानी पनडुब्बियों की क्षमता में इजाफा करने वाले उन्नत एआईपी सिस्टम देने की मांग को खारिज कर दिया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल की अगुवाई वाले संघीय सुरक्षा पैनल ने इमरान खान सरकार की तरफ से एआईपी के लिए किए जा रहे आग्रह को ठुकरा दिया है. यह सिस्टम पाकिस्तानी पनडुब्बियों का साथ पानी पर आए बिना अपनी बैटरियों को चार्ज करने की सुविधा दे सकता था. एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन सिस्टम या एआईपी डीजल- इलैक्ट्रिक पनडुब्बियों की पानी में बने रहने और प्रहार क्षमता में इजाफा कर देता है. बताया जाता है कि इस महीने की शुरुआत में जर्मन सरकार ने पाकिस्तान का अपने फैसले का बीरे में जानकारी भी भेज दी.
हालांकि पाकिस्तान ने पिछले दशक की शुरुआत में एआईपी तकनीक से लैस टाइप 214 पनडुब्बियों की खरीद की कवायद शुरू की थी. बाद में कारोबारी मतभेदों के चलते पाकिस्तान ने इस खरीद प्रक्रिया की खत्म कर दिया था. इसके बदले में पाक ने चीन के साथ कथित तौर पर एआईपी तकनीक से लैस आठ टाइप039 पनडुब्बियों की खरीद का फैसला किया. अप्रैल 2015 में इसके लिए मंजूरी दे दी गई.
चीन से मिलने वाली टाइप039 पनडुब्बियों में से पहली चार का निर्माण जहां चाइना शिपबिल्डिंग एंड ऑफशोर इंटरनेशनल कंपनी करेगी. वहीं बाकी चार को कराची शिपयार्ड एंड इंजीनियरिंग वर्क करेगी. अगस्त 2016 में पाकिस्तानी संसद की रक्षा सम्बन्धी समिति के आगे दिए बयान में पाक नौसेना के चीफ प्रोजेक्ट ऑफिसर ने कहा था कि चीन से चार पनडुब्बियां 2022-23 तक आ जाएंगी. वहीं शेष चार 2028 तक पाक नौसेना को हासिल होंगी.
पाकिस्तान अपने बूढ़े होते पनडुब्बी बेड़े की ताकत बढाने में लगा है. पाक नौसेना अपनी अगुस्ता पनडुब्बियों को मॉडर्न बनाने में लगा है. साथ ही उसने फ्रांस के नेवल ग्रुप से अगुस्ता पनडुब्बियों के निर्यात के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण लेकर अनुबंध हासिल कर लिए. यह बात और है किए पाकिस्तान से शुरुआती दौर की बातचीत के बाद सऊदी अरब और मलेशिया ने पाकिस्तान निर्मित अगुस्ता पनडुब्बी लेने की बजाय फ्रेंच कम्पनी से ही खरीदना मुनासिब समझा.
हालांकि भारत के मुकाबले पाकिस्तान का पनडुब्बी बेड़ा छोटा भी है और कमजोर भी. पाकिस्तान के पास फिलहाल 8 पनडुब्बियां हैं. इनमें से केवल 3 में ही एआईपी सिस्टम मौजूद है. जबकि भारत के पास जहां एक दर्जन पारंपरिक पनडुब्बियां हैं वहीं परमाणु पनडुब्बियां भी हैं जो बहुत अधिक समय तक पानी के नीचे रह सकती हैं. इतना ही नहीं भारत ने अपनी स्वदेशी नाभिकीय पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत को परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम बैलेस्टिक मिसाइल से भी लैस कर लिया है.
भारत और पाकिस्तान के बीच हुई 1971 की जंग में भारत ने पाकिस्तान को अमेरिका से हासिल पीएनएस ग़ाज़ी को विशाखापत्तनम के करीब मार गिराया था. भारत के इस वार ने 93 पाक नौसैनिकों के साथ पीएनएस ग़ाज़ी को बंगाल की खाड़ी में जलसमाधि दे दी थी. यह पाकिस्तान के लिए करारा झटका था. वहीं भारतीय नौसेना ने 1971 युद्ध में पाक नैसैनिक ठिकानों को भी जमकर निशाना बनाया था. भारत के जल-थल-आकाश के वार ने पाक सेना की कमर तोड़ दी थी.