Pakistan Crisis: फिर उतरा पाक का नकाब, IMF बेलआउट पैकेज के लिए चोरी-छिपे अमेरिका से की ऐसी डील कि बौखला जाएगा रूस
Pakistan-US Deal: यूक्रेन युद्ध की शुरुआत में पाकिस्तान बिल्कुल तटस्थ था. जब संघर्ष शुरू हुआ तब पाक पीएम इमरान खान रूसी दौरे पर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक कर रहे थे. इस बात से अमेरिका नाराज था.
Pakistan Politcal Crisis: पाकिस्तान का दोहरा चेहरा एक बार फिर सामने आया है. आर्थिक संकट में फंसे पाकिस्तान ने इससे बाहर निकलने के लिए जो किया है उससे रूस की बौखलाहट बढ़ सकती है. दरअसल, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से बेलआउट पैकेज लेने के लिए पाकिस्तान ने पिछले दिनों हथियारों की एक बड़ी डील की है.
यह डील यूक्रेनी सेना को मदद पहुंचाने के लिए चोरी छिपे की गई. इसका खुलासा पाकिस्तान और अमेरिका के गोपनीय दस्तावेजों से हुई है. इस खुलासे के बाद पाकिस्तान में हलचल मच गई है.
इमरान खान को हटाने में भी भूमिका!
द इंटरसेप्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल 2022 में, अमेरिका के प्रोत्साहन से पाकिस्तानी सेना ने प्रधानमंत्री इमरान खान को हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव की भूमिका बनाई. इमरान के हटने के बाद पाकिस्तान रूस और यूक्रेन युद्ध में अमेरिका व उसके सहयोगियों के लिए एक उपयोगी समर्थक के रूप में उभरा. इस तरह की मदद के लिए ही अमेरिका ने आईएमएफ से कर्ज में पाक की मदद की है.
इस तरह हुआ डील का खुलासा
हथियारों के लेन-देन का विवरण देने वाले रिकॉर्ड इस साल की शुरुआत में पाकिस्तानी सेना के एक सूत्र की ओर से द इंटरसेप्ट में लीक किए गए थे. इस डॉक्युमेंट में स्पष्ट होता है कि यह डील मार्च 2022 से अप्रैल 2023 के बीच में अमेरिका और पाकिस्तान की आपसी सहमति से हुई. दस्तावेज़ों के अनुसार, हथियारों के सौदों में ग्लोबल ऑर्डनेंस की सहायक कंपनी ग्लोबल मिलिट्री प्रोडक्ट्स की ओर से बीच की भूमिका निभाई गई थी.
अमेरिका और पाक ने नहीं की है पुष्टि
पाकिस्तान को युद्ध के लिए आवश्यक बुनियादी हथियारों के उत्पादन केंद्र के रूप में जाना जाता है. जैसा कि यूक्रेन युद्ध सामग्री और हार्डवेयर की पुरानी कमी से जूझ रहा है, यूक्रेनी सेना की ओर से पाकिस्तानी निर्मित गोले और अन्य अध्यादेशों की उपस्थिति संघर्ष के बारे में ओपन-सोर्स समाचार रिपोर्टों में सामने आई है, हालांकि न तो अमेरिका और न ही पाकिस्तानियों ने इस डील को स्वीकार किया है.
पाकिस्तान ने अचानक बदला स्टैंड
यूक्रेन युद्ध की शुरुआत में पाकिस्तान बिल्कुल तटस्थ था. जब संघर्ष शुरू हुआ तब पाक के पीएम इमरान खान रूसी दौरे पर थे. वहां उन्होंने पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक की थी. इस बात से अमेरिका नाराज हो गया था. इसके बाद अमेरिका के जरिये पाक ने उल्टा यूक्रेन को मदद पहुंचाई. हालांकि इस मदद का फायदा पाक को आईएमएफ के बेलआउट पैकेज के रूप में मिला. वहीं रूस पाक के इस कदम से नाराज होगा. दरअसल, पाक समय समय पर रूस से खास दोस्ती की बात करता है और उससे मदद भी मांगता है, लेकिन इस तरह चोरी-छिपे यूक्रेन की मदद करने से रूस भी नाराज हो जाएगा.
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