पाकिस्तान की सरकार ने सोमवार को इस्लामाबाद में हिंदू मंदिर निर्माण की अनुमति दे दी. करीब छह महीने पहले यहां मंदिर निर्माण का कार्य कट्टर इस्लामिक समूहों के दबाव की वजह से रुक गया था. कैपिटल डेवलपमेंट अथॉरिटी (सीडीए) ने सोमवार को लाहौर में एक अधिसूचना जारी करते हुए इस्लामाबाद के सेक्टर-9/2 में हिंदू समुदाय की श्मशान भूमि की चारदीवारी निर्माण की अनुमति दे दी. इससे पहले कुछ कट्टरवादी धर्मगुरुओं ने सरकार को चेतावनी दी कि वे इस्लामाबाद में मंदिर के निर्माण की अनुमति न दें.
सीडीए ने रोका था निर्माण कार्य
सीडीए ने जुलाई में मंदिर के लिए तय स्थान पर चारदीवारी निर्माण का कार्य कानूनी कारणों का हवाला देते हुए रोक दिया था. सरकार को धार्मिक मामलों पर सलाह देने वाली परिषद ने अक्टूबर में कहा था कि इस्लामाबाद या देश के किसी भी अन्य स्थान पर मंदिर निर्माण पर संवैधानिक या शरिया प्रतिबंध नहीं है.
तय की गई है योजना
योजना के अनुसार, राजधानी के एच-9 प्रशासनिक खंड में कृष्ण मंदिर का निर्माण 20,000 वर्ग फुट जमीन के हिस्से पर होगा. पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने मंदिर के लिए जमीन आवंटित की थी. मंदिर परिसर में अंतिम संस्कार स्थल (श्मशान) के अलावा अन्य धार्मिक स्थल के ढांचे होंगे.
पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने दी थी जमीन
गौरतलब है कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने मंदिर निर्माण के लिए जमीन दी थी. पाकिस्तान में हिंदू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है. स्थानीय हिन्दुओं के मुताबिक, उनकी आबादी करीब 90 लाख है. वहीं, ज्यादातर हिन्दू सिंध प्रान्त में रहते हैं. ये मामला लंबे समय से चल रहा था. कट्टर इस्लामिक समूहों के दवाब के कारण इसपर अब तक फैसला नहीं लिया गया था.
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