Pakistan Economic Crisis: भारत के पड़ोसी देश पाकिस्‍तानी की इकोनॉमी खस्‍ताहाल है. वहां की करेंसी गर्त में जा रही है. महंगाई इतनी है कि आमजन को दो वक्‍त का खाना मिल पाना मुश्किल हो गया है. तंगी में लोग आंसू बहा रहे हैं. हालांकि इसके बावजूद यहां रईस शानो-शौकत से रह रहे हैं. खबर है कि शहबाज सरकार ने 2,000 से अधिक लग्जरी वाहनों के आयात (Pakistan Imported Luxury Cars) को मंजूरी दी है.


पाक में खस्‍ताहाली के बीच नवाबी शौक 
2,000 से अधिक लग्जरी कारों की खरीद पर आमजन पाकिस्तान (Pakistan) सरकार को कोस रहे हैं. सोशल मीडिया पर लोग प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को खरी-खोटी सुना रहे हैं. कई लोगों का कहना है कि आवाम को जहां रोटी-चावल नहीं मिल पा रहा, वहीं हुक्‍मरान लक्जरी कारों का नवाबी शौक पाल रहे हैं. पाक पीएम की शानो-शौकत के कई किस्से हाल में ही चर्चा में आए.


बंदरगाहों पर अटकी आवश्यक वस्तुओं की खेप 
पाकिस्‍तानी अखबार डॉन की एक रिपोर्ट में बताया गया कि संकटग्रस्त पाकिस्तान ने 2,000 से ज्‍यादा लग्जरी वाहनों के आयात की मंजूरी दे दी है. जबकि आवश्यक वस्तुओं की खेप बंदरगाहों पर अटकी हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने साल 2022 के जुलाई से दिसंबर के बीच 164 लग्जरी इलेक्ट्रिक वाहनों का इंपोर्ट किया. वहीं, पिछले छह महीनों में ऐसे लगभग 1,990 वाहनों का इंपोर्ट किया गया है.


हुकूमत ने आईएमएफ से लगाई मदद की गुहार
आर्थिक खस्‍ताहाली के बीच पाक हुकूमत ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से आर्थिक पैकेज मांगा है. हुकूमत की ओर से लगातार गुहार लगाई जा रही है, इस बीच एक तत्काल बेलआउट पैकेज के बारे में बात करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की एक टीम इस सप्ताह पाकिस्‍तान का दौरा करने वाली है. पाक हुकूमत चाहती है कि उसे कम से कम 9 अरब डॉलर की राशि दी जाए. वहीं, माना जा रहा है कि 2 अरब डॉलर राशि ही फिलहाल उसे मिलेगी. 


विदेशी मुद्रा भंडार अब तक के निचले स्‍तर पर
न्यूज एजेंसी AFP ने हाल में बताया था कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार बेहद कम बचा है. पाकिस्तान का विदेशी मु्द्रा भंडार गिरकर 3.7 अरब डॉलर हो गया है, जो रिकॉर्ड निचले स्तर पर है. जिसके चलते आयात रुक गया है. पाक हुकूमत को लगभग सभी आयातों पर रोक लगानी पड़ी. ऐसे में, बंदरगाहों पर आवश्यक वस्तुओं और औद्योगिक सामानों के 5,000 से अधिक कंटेनर अटक गए. डॉन की रिपोर्ट में बताया गया कि पाकिस्‍तान का ये ज्यादातर आयात जुलाई से सितंबर के बीच हुआ. वहीं, अक्टूबर से दिसंबर तक भी बहुत कम आयात किया गया.


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