Pakistan Terror Attack: पाकिस्‍तान में आने वाले कुछ हफ्तों में आतंकी घटनाओं में और ज्यादा इजाफा देखने को मिल सकता है. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों को बढ़ा दिया है. पाकिस्तान के एक आंतरिक मंत्री ने संकेत दिया है कि आने वाले हफ्तों में आतंकी घटनाओं में इजाफा हो सकता है. ये बात पाकिस्‍तान के अखबार डॉन (Dawn) ने अपने एक लेख में विशेषज्ञों के हवाले से कही है.


पाकिस्‍तानी अखबार में कहा गया है कि पिछले दो सालों के दौरान, टीटीपी और उसके गुटों ने रावलपिंडी और इस्लामाबाद में 11 आतंकवादी हमले किए, जिसके परिणामस्वरूप 13 सुरक्षाकर्मी मारे गए. इस हफ्ते इस्लामाबाद में हुए हमले में पुलिसकर्मियों को भी निशाना बनाया गया. अगर इस तरह के और हमले होते हैं तो इस्लामाबाद की सड़कों पर बैरिकेड्स और चेक पोस्ट लगा दिए जाएंगे.


पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में TTP से IS-K कहीं अधिक खतरनाक


वहीं अफगानिस्तान में सक्रिय इस्लामिक स्टेट खुरासान (IS-K) ने प्रतिबंधित तहरीक--तालिबान पाकिस्तान (TTP) की तुलना में पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा की शांति और अखंडता के लिए कहीं अधिक बड़ा खतरा पैदा किया है. ये बात प्रांतीय पुलिस प्रमुख ने कही है. पिछले साल अगस्त में काबुल में तालिबान के सत्ता में आने के बाद अफगानिस्तान के कई शहरों में हमले तेज करने वाले IS-K ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पाकिस्तान के सुरक्षा अधिकारियों पर आतंकवादी हमलों को भी अंजाम दिया था.

खैबर पख्तूनख्वा के पुलिस प्रमुख मोअज्जम जाह अंसारी ने कहा, ‘‘हाल के दिनों में IS-K ने इस प्रांत की शांति और सुरक्षा को टीटीपी की तुलना में अधिक खतरा पैदा किया है.’’ पिछले साल अक्टूबर में, IS-K ने प्रांतीय राजधानी में सरदार सतनाम सिंह (खालसा) नामक एक प्रसिद्ध सिख हकीम की हत्या की जिम्मेदारी भी ली थी. वह यहां यूनानी चिकित्सा पद्धति से लोगों का इलाज किया करते थे. अक्टूबर और नवंबर के महीनों में प्रांत के विभिन्न हिस्सों में कम से कम तीन पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई थी.


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