Pakistan's Hashmat Bibi in India: सन् 1947 में अंग्रेजों से आजादी मिलने के साथ ही हिंदुस्तान का विभाजन भी कर दिया गया था. उस विभाजन से मुसलमानों के लिए एक अलग देश बना दिया गया, वो है- पाकिस्तान (Pakistan). विभाजन के कारण हिंदू और मुस्लिमों दोनों मजहबों के लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा था. उस दौरान हुए खून-खराबे में हजारों लोगों की जानें गईं. कई पीढि़यां आज तक, विभाजन का दंश झेल रही हैं. ऐसी ही एक बुजुर्ग महिला हैं- बीबी हशमत (Hashmat Bibi).
बीबी हशमत अब 90 साल की हो चुकी हैं, और वह हिंदुस्तान-पाकिस्तान बंटवारे के समय अपने परिवार से अलग हो गई थीं. 76 साल बाद बीबी हशमत अब पुश्तैनी जमीन पर परिवार मिलने पहुंची हैं. उनकी पुश्तैनी जमीन पंजाब प्रदेश के 'रोपड़ ज़िले' में सतलुज नदी से कुछ दूर है. बताया जाता है कि बीबी हशमत 14 साल की उम्र में ननिहाल रहने चली गई थीं, और विभाजन के समय जब ननिहाल वाले पाकिस्तान के हो गए, तो वह भी उनके साथ वहीं रह गईं.
40 दिन के वीजा पर आईं, बयां किया दर्द
बीबी हशमत का पुश्तैनी आवास खडूर साहिब में हैं, वहां के लोगों का कहना है कि बीबी पाकिस्तान से हिंदुस्तान में अपने कुछ करीबियों से फोन पर बात किया करती थीं. आखिरकार, 76 साल बाद बीबी हशमत का इंतजार खत्म हुआ. वह इसी महीने पाकिस्तान से खडूर साहिब में परिजनों से मिलने पहुंचीं. एक परिजन ने बताया कि बीबी हशमत को 40 दिन का वीजा मिला है, और इतने दिन वह अपने भतीजे करमदीन खान के घर पर भी बिता सकती हैं.
बीबी हशमत को देखने वालों का तांता लगा है. जिस दिन वह पाकिस्तान से आई थीं, तब उनका बैंड-बाजे और फूल-मालाओं से स्वागत किया गया. उनके परिजन उनसे मिलते समय भावुक हो गए. वहीं, बीबी की आंखें भी नम हो गईं.
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