Natural Disasters in World: पाकिस्तान में भारी बारिश (Heavy Rain) और बाढ़ (Flood) से भीषण तबाही हुई है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान का करीब एक तिहाई हिस्सा पानी में डूब गया है. बाढ़ ने सैकड़ों लोगों की जिंदगी लील ली है. सैकड़ों एकड़ में लगी फसल बर्बाद हो गई है. महंगाई चरम पर है. इससे पहले भी दुनिया के कई देशों में प्राकृतिक आपदा लाखों लोगों की जिंदगी तबाह कर चुकी है. साल 2013 में केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) में आई विनाशकारी आपदा आज भी लोगों के जेहन में है.
साल 2004 में हिंद महासागर में भूंकप से पैदा हुई सुनामी में भारत के अंडमान निकोबार द्वीप समूह समेत तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश के तटीय क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुए थे और हजारों लोगों की जान गई थी. साल 2015 में नेपाल आए भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी.
पाकिस्तान में बाढ़ से भीषण तबाही
पाकिस्तान (Pakistan) में भारी बारिश और बाढ़ के चलते हालात काफी बिगड़ चुके हैं. बाढ़ के कारण अब तक 1200 से अधिक लोग काल के गाल में समा गए हैं. बाढ़ की वजह से मरने वालों में 400 से अधिक बच्चे भी शामिल हैं. जानकारी के मुताबिक इस भीषण बाढ़ में 3.3 करोड़ लोग प्रभावित हैं. 11 लाख से अधिक घरों को नुकसान पहुंचा है और पूरे पाकिस्तान में 18 हजार स्कूल बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. सड़क और पुलों को भी काफी नुकसान पहुंचा है. 35 लाख एकड़ की फसल बर्बाद हो गई तो लाखों की संख्या में जानवरों की मौत हुई है. भोजन का भी संकट खड़ा हो गया है.
साल 2013 में केदारनाथ आपदा
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में 16-17 जून 2013 की तारीख को आई प्राकृतिक आपदा आज भी हर भारतीय के जेहन में है. आसमानी आफत ने केदार घाटी समेत पूरे राज्य में बर्बादी के निशान छोड़ दिए थे. तबाही का मंजर बेहद ही खौफनाक था. चौराबाड़ी झील में बादल फटने के बाद सैकड़ों लोगों की जिंदगी बर्बाद हो गई. मंदाकिनी नदी का विकराल रूप सबको डरा रहा था. सैकड़ों घर और होटल के साथ हजारों लोग पानी में बह गए. आपदा में 4700 तीर्थ यात्रियों की लाश बरामद हुई थीं. कई साल तक लापता यात्रियों के कंकाल मिलते रहे थे. तीन हजार से अधिक लोगों को कोई पता नहीं चल सका था. त्रासदी में मरने वालों की सही संख्या का भी पता नहीं चल पाया था. भयंकर प्रलय से प्रभावित इलाकों के पुनर्निर्माण पर करीब 2700 करोड़ रुपये खर्च हुए थे.
नेपाल भूकंप
15 अप्रैल 2015 को आए भूकंप ने नेपाल (Nepal) में भीषण तबाही मचाई थी. रिक्टर स्केल भूकंप की तीव्रता 7.8 मापी गई थी. इस भूकंप में 8,964 लोगों की जान चली गई थी. इसके साथ ही 20 हजार से अधिक लोग जख्मी भी हुए थे. इस भूकंप ने बिहार और यूपी समेत भारत के कई राज्यों को हिला दिया था. वैसे तो नेपाल में कई बार भूकंप आए, लेकिन साल 1934 का भूकंप हर किसी के जेहन में है. भारत के बिहार राज्य और पड़ोसी नेपाल के सीमावर्ती इलाके में आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 8.4 मापी गई थी. इस भूकंप की वजह से 11 हजार से अधिक लोगों की जान गई थी. कई घर धाराशायी हो गए थे. जानमाल का भारी नुकसान हुआ था.
2004 में सुनामी से गई थी लाखों की जान
26 दिसंबर साल 2004 को सुनामी की वजह से हजारों परिवारों की जिंदगी तबाह हो गई थी. हिंद महासागर में भूंकप से पैदा हुई सुनामी की वजह से भारत के अंडमान निकोबार द्वीप समूह समेत तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश के तटीय इलाके काफी अधिक प्रभावित हुए थे. इस आपदा में करीब 10 हजार लोग मारे गए और हजारों लोग लापता हो गए थे. उस दौरान सुमात्रा के समुद्र के अंदर 30 किमी की गहराई पर 9.1 तीव्रता वाला भूकंप था, जिसके कारण सुनामी लहरें उठीं थीं. इससे इंडोनेशिया और आसपास के द्वीपों पर भारी तबाही हुई थी. इसमें करीब 2.30 लाख लोग मारे गए थे.
चीन में भूकंप से हुई थी भीषण तबाही
चीन (China) में ऐसे तो भूकंप (Earthquake) की कई घटनाएं हुई हैं और उसमें सैकड़ों लोगों की जान गई है, लेकिन साल 1976 में आए भूकंप ने भीषण तबाही मचाई थी. ये भूकंप चीन के तांगशान शहर में आया था. इस महाविनाशकारी भूकंप की तीव्रता 7.6 से लेकर 8.1 तक मापी गई थी. इस आपदा की वजह से 2.5 लाख से अधिक लोगों की जान चली गई थी. कई रिपोर्ट्स में ये संख्या 5 लाख से भी ऊपर बताई गई थी. इससे पहले साल 1556 में भी भीषण भूकंप आया था. उस दौरान 8 लाख से भी अधिक लोग मारे गए थे. लाखों की संख्या में लोग जख्मी हुए थे. कई परिवारों की जिंदगी तबाह हो गई थी.
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