Pakistan On Terrorism: पाकिस्तान वर्तमान में आतंकी हमलों का सामना कर रहा है. पाकिस्तान ने अब देश में आतंकवाद के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू करने की योजना बनाई है. पाकिस्तान तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP), इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP), बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA), दाएश समेत अन्य आतंकी समूहों राजधानी इस्लामाबाद समेत खैबर पख्तूनख्वा (KP) बलूचिस्तान और देश के अन्य हिस्सों में बड़े आतंकी हमले को अंजाम दे रहे हैं.


देश में आतंकवाद के फिर से उभरने के खतरे के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NCC) की एक उच्च स्तरीय बैठक शुक्रवार (30 दिसंबर) को प्रधानमंत्री हाउस में आयोजित की गई. बैठक में इस बात पर सहमति बनी है कि पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रीय हित से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जाएगा.


पीएम शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक


प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई एनएससी की बैठक में वित्त मंत्री इशाक डार, प्लानिंग मंत्री अहसान इकबाल, नागरिक सैन्य नेतृत्व के टॉप अधिकारी, सेनाध्यक्ष (COAS) जनरल असीम मुनीर, सीजेसीएससी के जनरल साहिर शमशाद मिर्जा, डीजीआईएसआई, डीजीआईबी, डीजीएमआई और सशस्त्र बलों के अन्य शीर्ष अधिकारी शामिल हुए. बैठक में आपसी सहमति से आतंकी गतिविधियों को पूरी ताकत से जवाब देने पर सहमति बनी है.


बैठक के पहले दौर के समाप्त होने के बाद जारी एक बयान में कहा गया है कि टॉप नागरिक सैन्य नेतृत्व ने प्रतिबद्धता व्यक्त की कि पाकिस्तान के अस्तित्व, सुरक्षा और विकास के मौलिक हितों को अत्यंत साहस, निरंतरता और दृढ़ता के साथ सुरक्षित रखा जाएगा. सूत्रों ने कहा है कि पाकिस्तान सरकार और सैन्य संस्थान ने नेशनल एक्शन प्लान (NAP) के तहत आतंकी ठिकानों के खिलाफ एक चौतरफा सैन्य अभियान शुरू करने का फैसला किया है.


आतंकवादियों से निपटने का फैसला किया


एपीएस हमले के बाद ही पाकिस्तान ने 'अच्छे' या 'बुरे' आतंकवादी के बीच किसी भेदभाव के बिना आतंकवादियों से निपटने का फैसला किया. जिसके लिए एक राष्ट्रीय कार्य योजना (NAP) तैयार करके लागू की गई थी. बैठक में फैसला लिया गया है कि आतंकवाद, आतंकवादियों और पाकिस्तान को चुनौती देने वालों के खिलाफ पूरा देश एक एकजुट है और उन्हें पूरी ताकत से जवाब मिलेगा.


NAC को खुफिया एजेंसियों के ओर से देश में शांति और सुरक्षा की समग्र स्थिति के साथ-साथ आतंकी हमलों के ताजा खतरों के पीछे के फेक्टरों के बारे में भी जानकारी दी गई थी. सूत्रों के अनुसार अफगानिस्तान के साथ संबंधों को भी चर्चा में लाया गया, खासकर TTP को अफगान तालिबान से मिलने वाले समर्थन को देखते हुए. रिपोर्ट के अनुसार, NAC की बैठक का दूसरा दौर 2 जनवरी को आयोजित किया जाएगा, जिसमें आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए आगे की रणनीति पर चर्चा किए जाने की संभावना है.


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