Pakistan Women Prisoners Condition In Jail: पाकिस्तान की जेलें दुनिया की सबसे भीड़भाड़ वाली जेलों में से एक हैं. ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) की एक रिपोर्ट से पता चला है कि तीन लोगों के लिए डिज़ाइन किए गए जेल सेल में औसतन 15 कैदियों को रखा जा रहा. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2022 तक पाकिस्तान के लगभग 91 जेल अपनी कुल क्षमता से 100 फीसदी अधिक भार ढो रहे हैं.


पाकिस्तान के एक 19 साल के कैदी के अनुसार देश में जून और जुलाई के महीने में अधिक गर्मी पड़ती है. उस दौरान उनके सेल में एक पंखा है, जो बिजली के कमी के वजह से पूरे दिन में केवल 12 घंटे ही चलता है. लाहौर की गर्मी में एक छोटे से कमरे में सात लोगों के गर्मी के वजह से हालत बदतर हो जाते है. उनका शरीर गर्मी के वजह से जलता था और खूब पसीने छूटते है. 


महिलाओं को करना पड़ता मुश्किलों का सामना
पाकिस्तान के जेल में रहने वाले कैदियों का कहना है कि गर्मी के वक्त में बिना पंखे के रहना मानो जैसे जिंदा जलने जैसा है. ये उन पुरुष कैदियों के बारे में है जो मीडिया या सामाजिक चर्चा में कुछ ध्यान आकर्षित करते हैं. वहीं दूसरी ओर महिला कैदियों की हालत इससे भी ज्यादा बेकार स्थिति में है. पाकिस्तान में महिला कैदियों और उनकी दुर्दशा पुरुषों की तुलना में ज्यादा चर्चा में नहीं रहती हैं.


महिलाओं की शारीरिक, मानसिक और बच्चे पैदा होने की स्थिति में ज्यादा गंभीर मुद्दों का सामना करना पड़ता है. रिपोर्ट, 'ए नाइटमेयर फॉर एवरीवन' ने महिला कैदियों की स्थिति पर एक रिपोर्ट पेश की है. उन्होंने  रिपोर्ट में दावा किया है कि जेल में महिलाओं के साथ लगातार भेदभाव और दुर्व्यवहार किया जाता है. उनसे जुड़े हेल्थ प्रॉब्लम को भी अनदेखा किया जाता है.


महिलाओं के लिए पीरियड के वक्त साफ-सुथरा रखना ज्यादा जरूरी माना जाता है, लेकिन महिला कैदियों के लिए जेल में पुरुष जेल अधिकारी से पीरियड से जुड़ी बातें कहने में शर्मिंदगी महसूस होती है. इस तरह के चीजों को वहां के लोग गलत ढंग से देखते है.


महिला कैदियों का यौन उत्पीड़न
पाकिस्तान में महिला कैदियों के परिवार वाले उन्हें छोड़ देते है. परिवार का कोई भी सदस्य उनसे मिलने नहीं आता है. इस तरह जेल अधिकारी जान जाते है कि कभी भी उनका बेहतर इलाज कराने के लिए कोई भी रिश्वत नहीं देगा. पाकिस्तान में महिला कैदियों को कोई कानूनी सहायता नहीं मिलती है.




जेल में बंद महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करने वाले एक गैर सरकारी संगठन की प्रमुख सैयदा फराह हाशमी ने कहा कि यहां तक कि बड़े शहरों में भी महिला कैदियों को समय पर कानूनी सहायता नहीं मिलती है, जो उन्हें जमानत के अधिकार से वंचित रहती है.


इस तरह से उनके मामले सालों-साल चलते रहते हैं. पाक के एक जेल के महानिरीक्षक जेलर मिर्जा शाहिद सलीम बेग ने कहा कि जेलों में कोई नियंत्रण और सिस्टम नहीं है. इसके वजह से महिला कैदियों का यौन उत्पीड़न भी होता है.


महिलाओं को पुरुषों के सेल में रखा जाता है
पाकिस्तान में महिला कैदियों की दुर्दशा नाम के रिसर्च पेपर के अनुसार जस्टिस प्रोजेक्ट पाकिस्तान ने 2014 में खुलासा किया कि 134 महिला कैदियों के खिलाफ दुर्व्यवहार के ठोस सबूत थे. इनमें से  82 को फैसलाबाद जेल में यौन शोषण करना पड़ा. जेल में बंद महिला कैदियों में ज्यादातर महिलाओं को किसी भी गुंडागर्दी या आपराधिक अपराध के लिए दोषी ठहराए जाने से पहले हिरासत में लिया जाता है.


साल 2020 के मध्य तक पंजाब में 1,121 महिला कैदियों में से 66 फीसदी को किसी भी अपराध के लिए दोषी नहीं ठहराया गया था और कोर्ट से फैसले आने तक उन्हें जेल में बंद करके रखा गया. कई महिलाओं को तो पुरुषों के सेल में रखा गया था और यहां तक कि प्रताड़ित भी किया जाता है.


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