Human Rights in Pakistan: पाकिस्‍तान में मचे सियासी बवाल और लोगों की गिरफ्तारियों की खबरें दुनिया देख रही है. वहां की हुकूमत और सेना अपने विरोधियों की आए रोज बड़े पैमाने पर धर-पकड़ करवा रही हैं. इस पर मानवाधिकारों की वकालत व उससे संबंधित अनुसंधान करने वाले अंतर्राष्ट्रीय संगठन 'ह्यूमन राइट्स वॉच' ने चिंता जताई है. 'ह्यूमन राइट्स वॉच' ने पाकिस्‍तानी हुकूमत (इस्टैब्लिशमेंट) से सभी लोगों को रिहा करने और मानवाधिकारों का सम्‍मान करने को कहा है.


ह्यूमन राइट्स वॉच का कहना है, "पाकिस्तानी अधिकारियों को शांतिपूर्ण विरोध या राजनीतिक विरोध का समर्थन करने वाले सभी लोगों को रिहा करना चाहिए और हिरासत में लिए गए सभी लोगों के उचित प्रक्रिया अधिकारों का सम्मान करना चाहिए." ह्यूमन राइट्स वॉच ने आज कहा कि पाकिस्तानी पुलिस ने बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां की हैं और राजनीतिक विपक्ष के सदस्यों सहित पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के विरोध में 4,000 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है.




सभी लोगों को रिहा करना चाहिए: ह्यूमन राइट्स वॉच
ह्यूमन राइट्स वॉच की ओर से कहा गया कि पुलिस ने मनमाने ढंग से कई विपक्षी राजनीतिक दल के सदस्यों के साथ-साथ हिंसा में शामिल होने के लिए उचित रूप से गिरफ्तार किए गए लोगों को हिरासत में लिया है.


कई लोगों पर अस्पष्ट और व्यापक कानूनों के तहत दंगों को प्रतिबंधित करने और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा पैदा करने का आरोप लगाया गया है. पाकिस्तानी हुकूमत को शांतिपूर्ण विरोध या राजनीतिक विरोध का समर्थन करने वाले सभी लोगों को रिहा करना चाहिए और हिरासत में लिए गए सभी लोगों के उचित प्रक्रिया अधिकारों का सम्मान करना चाहिए. 


'प्रदर्शनकारियों की मनमानी गिरफ्तारी बंद करनी चाहिए'
ह्यूमन राइट्स वॉच की सहयोगी एशिया निदेशक पेट्रीसिया गॉसमैन ने कहा, "पाकिस्तानी अधिकारियों को राजनीतिक विपक्षी कार्यकर्ताओं और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों की मनमानी गिरफ्तारी बंद करनी चाहिए." गॉसमैन ने कहा, "हिंसा करने वाले किसी भी व्यक्ति को उचित व्यवस्‍था के तहत सजा दी जानी चाहिए, ऐसे नहीं कि किसी को भी बिना सबूत के उठा लिया. उन्‍हें लोगों के अधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिए."




इमरान की गिरफ्तारी के बाद भड़की थी हिंसा
हाल में ही पाकिस्‍तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को पुलिस द्वारा भ्रष्टाचार के आरोप में 9 मई, 2023 को गिरफ्तार किए जाने के बाद पूरे पाकिस्तान में हिंसा फैल गई थी. इमरान के समर्थकों की पुलिस और सेना के साथ हिंसक झड़प हुईं. पुलिस ने आंसू गैस, रबर की गोलियों से उन्‍हें खदेड़ना शुरू किया. कहीं-कहीं, गोलीबारी भी की गई और प्रदर्शनकारियों पर लाठियां बरसाई गईं.


पुलिस ने खान की राजनीतिक पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ के सैकड़ों सदस्यों को आपराधिक धमकी, दंगा और सरकारी अधिकारियों पर हमले के आरोप में गिरफ्तार किया. हालांकि, फिर कोर्ट के आदेश पर 12 मई को इमरान को जमानत पर रिहा कर दिया गया. हालांकि, उसके बाद भी लाहौर शहर में पुलिस और खान समर्थकों के बीच तनावपूर्ण गतिरोध जारी रहा, जिससे और हिंसा की चिंता बढ़ गई. जिसके बाद इमरान ने एक वीडियो में बताया कि अब तक उनकी पार्टी के साढ़े 4 हजार वर्कर्स और लीडर्स को गिरफ्तार किया जा चुका है और अभी भी गिरफ्तारी जारी हैं.




'अधिकारियों को मानवाधिकारों का सम्मान करना चाहिए'
पाकिस्‍तान के इन हालातों पर ह्यूमन राइट्स वॉच चिंतित है. ह्यूमन राइट्स वॉच की सहयोगी एशिया निदेशक पेट्रीसिया गॉसमैन ने कहा है, "पाकिस्‍तानी अधिकारियों को मानवाधिकारों और कानून के शासन के लिए संयम और सम्मान दिखाना चाहिए." उन्‍होंने कहा, "शांतिपूर्ण विरोध और नियत प्रक्रिया की मौलिक गारंटी को पाकिस्तान के राजनीतिक संघर्ष का शिकार नहीं बनाना चाहिए." 


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