कराची: प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार के एक साल पूरे हो गए हैं, लेकिन इस दौरान पाकिस्तान में महंगाई चरम पर पहुंच गई है और सरकार महंगाई को थामने में नाकाम रही है, जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
पिछले साल अगस्त में जब सरकार सत्ता में आई तब पेट्रोल और डीजल क्रमश: जहां 95.24 रुपये और 112.94 रुपये प्रति लीटर था, वहीं अब यह 117.83 रुपये और 132.47 रुपये प्रति लीटर हो गया है. अगस्त 2018 में डॉलर के मुकाबले रुपया जहां 123 रुपये था, वहीं अब यह बढ़कर 158 रुपये हो गया है. सीएनजी का दाम 81.70 रुपये था, जो अब 123 रुपये प्रति किलो हो गया है. चपाती और नान की कीमत बढ़कर आठ और 12 रुपये हो गई है.
चीनी की कीमत पिछले साल 65 रुपये किलो थी, जो अब 75-78 रुपये प्रति किलो हो गई है. खाद्य तेल की कीमत 180-200 रुपये से बढ़कर 200-220 रुपये प्रति किलो हो गई. दालों की कीमतें बढ़ गई हैं. मूंग, मसूर और अरहर की कीमतें जो पहले 90 रुपये से 100 रुपये के बीच थीं, अब बढ़कर 140 रुपये से 160 रुपये पहुंच गईं हैं. खुला दूध 100-120 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है, जो कि पहले 94 रुपये में मिलता था. इसी तरह सीमेंट और स्टील की छड़ों के दाम में वृद्धि दर्ज की गई है.
बता दें कि पिछले लंबे वक्त से पाकिस्तान बेहद ही मुश्किल आर्थिक हालात का सामना कर रहा है.
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