Pakistan IMF Bailout: आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan) को अपने हालात सुधारने के लिए जल्द से जल्द आर्थिक पैकेज की दरकार है. इसके लिए पाकिस्तान ने विश्व बैंक (World Bank) और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से गुहार लगाई, हालांकि उसकी यह कोशिश महीनों से रंग नहीं ला पाई है. फरवरी की शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान के इस्लामाबाद आया था, और 10 दिन बिताए, लेकिन पाकिस्तानी हुकूमत फिर भी खाली हाथ रही. वो IMF को इसके लिए राजी नहीं कर सकी.
अब पाकिस्तानी हुकूमत कर्ज के लिए एक बार फिर विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के आगे हाथ पसारेगी. पाकिस्तानी वित्त मंत्री इशाक डार, अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ अमेरिका में 10 अप्रैल से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक का ठिकाना माने जाने वाले ब्रेटन वुड इंस्टीट्यूशंस (BWIs) की आगामी वार्षिक वसंत बैठकों में भाग लेंगे.
अब पाक हुकूमत वॉशिंगटन में हाथ-पैर जोड़ेगी
पाकिस्तान के जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी वित्त मंत्री, वित्त और आर्थिक मामलों के विभाग के सचिवों और स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) के गवर्नर वाले एक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ, डॉलर हासिल करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक के समक्ष नए प्रस्ताव पेश कर सकते हैं.
अमेरिका में बैठकों के दौरान, यदि IMF के साथ लंबित 9वीं समीक्षा पूरी हो जाती है तो वे पाकिस्तान और आईएमएफ 6.5 अरब डॉलर की विस्तारित फंड सुविधा (ईएफएफ) कार्यक्रम के तहत शेष 10वीं और 11वीं समीक्षाओं के संयोजन की संभावना पर भी चर्चा करेंगे.
इमरान की सरकार में आईएमएफ से हुई थी डील
बता दें कि पाकिस्तान में इमरान खान की अगुवाई वाली सरकार ने वर्ष 2019 में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से आर्थिक पैकेज पाने के लिए एक डील पर साइन किए थे, उसका प्रोग्राम 30 जून, 2023 को समाप्त होने जा रहा है और निर्धारित दिशानिर्देशों के तहत प्रोग्राम को समय सीमा से आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है. वहीं, अभी यह देखा जाना बाकी है कि जब 10वीं समीक्षा में पहले ही देरी हो चुकी है तो दोनों पक्ष बेलआउट प्रोग्राम को पूरा करने के लिए कैसे आगे बढ़ेंगे.
लंबित 9वीं समीक्षा दिसंबर 2022 में पूरी होनी थी और 10वीं समीक्षा फरवरी 2023 से शुरू होनी चाहिए थी. फिर 11वीं समीक्षा 3 मई से शुरू होने वाली थी. अब 9वीं समीक्षा में देरी से लिए गए फैसले से स्थिति सुधारने की लागत बढ़ जाएगी.
शहबाज सरकार के पास कोई आसान समाधान नहीं
पाकिस्तान की पंगु अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए कोई आसान समाधान उपलब्ध नहीं है और सरकार का मानना है कि उन्होंने रुके हुए आईएमएफ प्रोग्राम में जान फूंकने के लिए सभी कड़े फैसले लिए हैं. वहीं, IMF अभी सऊदी अरब, यूएई और कतर सहित पाकिस्तान के द्विपक्षीय मित्रों से सत्यापन की मांग कर रहा है, क्योंकि वे पाक को जून 2023 के अंत तक 6 बिलियन डॉलर की अतिरिक्त सहायता प्रदान कर सकते हैं.
पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार $4.2 बिलियन बताया गया है, हालांकि इसका अधिकतर धन ऐसा है, जिसे पाकिस्तानी हुकूमत खर्च नहीं कर पाएगी. ऐसे में पाकिस्तान के पास नाम मात्र का विदेशी मुद्रा भंडार बचा है.
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