Imran Khan Toshkhana Case: पाकिस्तान की सियासत में उथल-पुथल का दौरा चल रहा है. देश में इमरान खान को लेकर जो बवाल चल रहा है, उस देश की राजनीति गरमाई हुई है. वहीं लाहौर में PTI के सपोर्टर पार्टी अध्यक्ष इमरान खान के घर के बाहर डेरा डाल कर बैठी है. इस बीच सपोर्टरो और पुलिस बल के साथ झड़प भी हुई है.


पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान संभावित गिरफ्तारी से बचने के लिए शुक्रवार (17 मार्च) को इस्लामाबाद हाईकोर्ट (IHC) का दरवाजा खटखटाया है. पीटीआई ने पार्टी कार्यकर्ताओं से जमान पार्क पहुंचने और उनकी अदालत की यात्रा के दौरान उनके साथ जाने का आह्वान किया है.
 
इमरान खान ने कई सुनवाई में मौजूद नहीं
इस हफ्ते की शुरुआत में इस्लामाबाद पुलिस तोशखाना मामले के सिलसिले में इस्लामाबाद की एक सत्र अदालत के तरफ से जारी गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट के तहत गिरफ्तार करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री के घर पहुंची थी. जिसमें तोशखाना मामले में इमरान खान ने कई सुनवाई में मौजूद नहीं थे. हालांकि, कानून प्रवर्तन एजेंसियां बुधवार शाम को यह कहते हुए पीछे हट गई कि चल रही पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) के दौरान ऑपरेशन को रोक दिया गया था. इसके अलावा लाहौर उच्च न्यायालय (LHC) ने भी हस्तक्षेप किया था, जिसके बाद ऑपरेशन को दो बार स्थगित कर दिया था.


एक दिन पहले इस्लामाबाद की एक सेशन कोर्ट में पीटीआई  इमरान खान के गिरफ्तारी वारंट को निलंबित करने के लिए गई थी, लेकिन कोर्ट गिरफ्तारी वारंट को जारी रखने का फैसला लिया. वहीं कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री को गिरफ्तार करने और 18 मार्च तक अदालत में पेश करने के अपने आदेश को भी बरकरार रखा.


पीटीआई समर्थकों की भीड़ मौजूद
डॉन के रिपोर्टर शुक्रवार को जमां पार्क के बाहर मौजूद थे, उन्होंने कहा कि आसपास पुलिस मौजूद नहीं थी, लेकिन इमरान के घर के बाहर पीटीआई समर्थकों की भीड़ लाठी और पत्थरों से लैस थी, जो किसी भी पुलिस ऑपरेशन के लिए तैयार थी. वहीं इसे पहले आज शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (IHC) में एक और याचिका दायर की.


तोशखाना मामले में इमरान खान के खिलाफ सुनवाई में शामिल नहीं होने के बाद ट्रायल कोर्ट ने गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था और पुलिस को उसे 7 मार्च को अदालत में पेश करने का निर्देश दिया था. पीटीआई प्रमुख गिरफ्तारी से बचने में कामयाब रहे और बाद में वारंट को रद्द करने के लिए IHC से संपर्क किया.


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