Imran Khan On Shehbaz Sharif: पाकिस्तान के सत्तारूढ़ गठबंधन ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के बातचीत के प्रस्ताव को सरकार ने ये कहते हुए खारिज कर दिया था कि वार्ता आतंकवादियों ने नहीं, राजनेताओं से होती है. वहीं, इस बीच इमरान खान ने पाकिस्तान की उस तस्वीर को दर्शाया है जिसमें महिलाओं के साथ बदसलुकी की तस्वीरें साफ देखने को मिल रही है. इमरान खान ने वीडियो के माध्यम से शहबाज सरकार पर करारा हमला बोला है. 


पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्वीटर पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, शांतिपूर्ण विरोध के अपने संवैधानिक अधिकार का प्रयोग करने के लिए किसी भी लोकतांत्रिक देश में महिलाओं को कभी भी अपमानित नहीं किया गया है. अकेले एक लोकतांत्रिक देश में रहने दें जो कि (लोकतांत्रिक होने के साथ-साथ) इस्लामी भी है. यह महिलाओं को राजनीति से बाहर करने का सुविचारित अभियान है. उन्होंने आरोप लगाते हुए आगे लिखा, महिलाओं को घेरा और धमकाया जा रहा है ताकि उनके पुरुष (परिवार के सदस्य) उन्हें राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने से हतोत्साहित करें. अब ऐसी खबरें बढ़ रही हैं कि जेलों में कुछ महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और उत्पीड़न किया जा रहा है.


इमरान ने सात सदस्यीय दल का गठन किया- सरकार


समाचार पत्र ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के अनुसार सरकार ने इमरान के प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख खान अब खुद राष्ट्रीय सुलह अध्यादेश (एनआरओ) की मांग कर रहे हैं. खान ने सरकार के साथ बातचीत करने के लिए सात सदस्यीय एक दल का गठन किया है. इसके बाद यह घटनाक्रम सामने आया है. 9 मई के हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद शुरू की गई कार्रवाई से ‘पीटीआई’ के अस्तित्व को लेकर खतरा पैदा हो गया है. इसके बाद से कई प्रमुख नेता ‘पीटीआई’ को छोड़ चुके हैं. पार्टी छोड़ने वाले प्रमुख नेताओं में महासचिव असद उमर, वरिष्ठ नेता फवाद चौधरी और पूर्व मंत्री शिरीन मजारी शामिल हैं. अर्धसैनिक रेंजरों द्वारा खान को 9 मई को इस्लामाबाद हाई कोर्ट परिसर से गिरफ्तार किये जाने के बाद हिंसक विरोध शुरू हो गया था. 


उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने खान की गिरफ्तारी के विरोध में लाहौर कोर कमांडर हाउस, मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित 12 सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की थी. भीड़ ने पहली बार रावलपिंडी में सेना मुख्यालय (जीएचक्यू) पर भी हमला किया था. वार्ता की पेशकश पर प्रतिक्रिया देते हुए, सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सर्वोच्च नेता नवाज शरीफ ने ट्विटर पर कहा कि बातचीत केवल राजनेताओं के साथ होती है. उन्होंने कहा, ‘‘शहीदों के स्मारक जलाने और देश को आग लगाने वाले आतंकवादियों और तोड़फोड़ करने वालों के समूह से कोई बातचीत नहीं होगी.’’


इमरान से बातचीत करना शहीदों का अपमान करना है- मरियम 


सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने एक बयान में कहा, “देश पर हमला करने वालों को दंडित किया जाता है. उनके साथ बातचीत नहीं की जाती है.’’ मरियम ने कहा कि शहीदों के स्मारक में तोड़फोड़ करने वालों से बातचीत करना ‘‘शहीदों का अपमान है’’ उन्होंने कहा कि एंबुलेंस, अस्पतालों और स्कूलों को जलाने और युवाओं के दिमाग में जहर घोलने के बाद खान बातचीत चाहते हैं, उनके साथ कोई बातचीत नहीं होगी. उन्होंने कहा, ‘‘इमरान ने बातचीत का आह्वान तब किया है जब उनकी पार्टी के कई नेताओं ने उनका साथ छोड़ दिया है.’’ गरीबी उन्मूलन मंत्री एवं पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की नेता शाजिया मर्री ने कहा कि नौ मई के बाद उत्पन्न हुई स्थिति के लिए खान जिम्मेदार हैं. जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई-एफ) के प्रवक्ता हाफिज हमदुल्ला ने भी खान को नौ मई के हमलों का षड्यंत्रकर्ता बताया. उन्होंने कहा कि सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाना देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसा है.


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