Pakistan News: पाकिस्तान में सियासी उथल-पुथल के बीच पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के प्रमुख इमरान खान की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. एक-एककर उनके करीबी नेता उनका साथ छोड़ रहे हैं. अब तक दर्जनभर से अधिक नेता पार्टी को अलविदा कह चुके हैं और यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है.


उधर पाक सरकार इमरान खान की घेराबंदी की तैयारी कर रही है. पीटीआई चीफ के साथ उनकी पत्नी और दर्जनों नेताओं नो फ्लाई लिस्ट में शामिल किया जा चुका है. ऐसे में इन्हें देश छोड़कर बाहर जाने की भी इजाजत नहीं है. सवाल यह है कि आखिर यह नौबत क्यों आई? एक दौर था जब इमरान खान सत्ता में नहीं थे, तब उन्हें सैन्य प्रतिष्ठानों की ओर से भरपूर प्यार, समर्थन और प्रोत्साहन मिला, लेकिन आज वहीं सैन्य प्रतिष्ठान इमरान खान के दुश्मन बन गए हैं. 


आर्मी एक्ट के तहत की जा रही है कार्रवाई 


मालूम हो कि 2018 में सेना की मदद से ही इमरान खान सत्ता में आए थे लेकिन अब वह उसी सेना से अपनी जान को खतरा बता रहे हैं. नौ मई की गिरफ्तारी से पहले उन्होंने देश की सेना और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर पर गंभीर आरोप लगाए थे. उन्हें इस्लामाबाद हाईकोर्ट परिसर से गिरफ्तार कि गया था. जिसके बाद देशभर में आगजनी और तोड़फोड़ देखने को मिली थी. खान समर्थकों ने सैन्य प्रतिष्ठानों को जमकर निशाना बनाया. अब हिंसा में शामिल उपद्रवियों के खिलाफ आर्मी एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है. 


इमरान खान के खिलाफ लिखी जा चुकी है स्क्रिप्ट


इमरान खान और पीटीआई के आगे के सफर पर वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक तलत हुसैन ने कहा, "गिरफ्तारी और जेल के डर से पीटीआई का शीर्ष नेतृत्व बिखर सा गय़ा है. इमरान के करीबी नेता उनका साथ छोड़ चुके हैं. इससे ऐसा लगता है कि इमरान खान के लिए भविष्य की स्क्रिप्ट लिखी जा चुकी है." 


तलत हुसैन का मानना है कि इमरान खान का राजनीतिक कब्रिस्तान तैयार है और उनकी पार्टी को इसमें दफन किया जा रहा है. इमरान खान राजनीतिक अकेलेपन के बीच संकट की स्थिति में हैं. ऐसे में सेना भी उनकी बात को अब गंभीरता से नहीं ले रही है. गौरतलब है कि इससे पहले खुद इमरान खान भी सरकार पर पीटीआई को कुचलने का आरोप लगा चुके हैं. 


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