Imran khan Pakistan News: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशाखाना केस (Toshakhana case) में राहत मिली है. इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगा दी है. उनकी गिरफ्तारी के बाद पूरे देश में बवाल मच गया था. इमरान समर्थकों की जगह-जगह पुलिसकर्मियों और पाकिस्‍तानी सैनिकों से झड़प हुईं, जिसमें कई जानें गईं. हिंसा और आगजनी के चलते पाकिस्‍तान के 4 में से 2 राज्‍यों को सेना के हवाले कर दिया गया. 


इमरान समर्थकों के व्‍यापक विरोध-प्रदर्शनों के बीच 11 मई को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान की तत्काल रिहाई का आदेश दिया और उनकी गिरफ्तारी को 'गैरकानूनी' और 'अवैध' करार दिया. हालांकि, थिंक टैंक और सरकारी कार्यालयों के सूत्रों का मानना है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख का भविष्य अंधकारमय है और उनकी पार्टी के दिन गिने-चुने हैं. 




भारी पड़ रहा सेना के खिलाफ जाना
इमरान खान अभिव्यक्ति की दुहाई देकर, पाकिस्‍तान के नए सैन्य प्रतिष्ठानों के खिलाफ अपने बयानों आक्रामक रूख अपना रहे हैं, वे विरोधी दलों के नेताओं पर अपने खिलाफ साजिश के गंभीर आरोप लगाते हैं. इमरान कहते हैं कि कुछ सैन्‍य अधिकारियों द्वारा मौजूदा गठबंधन सरकार के साथ मिलकर मेरी हत्या की साजिश रची जा रही है. वे पाकिस्‍तान का भविष्‍य खतरे में बताते हैं. माना जा रहा है कि इमरान खान और पीटीआई के नेताओं के सेना के खिलाफ जाने से उनके लिए मुसीबत खड़ी हो गई है और यही वजह है कि उनके दिन गिने-चुने हैं. उनका राजनीतिक भविष्य, सियासत वाली चकाचौंध और उनकी पार्टी का राजनीतिक अस्तित्व अब सरकार और सैन्य प्रतिष्ठानों से जुड़े उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी विरोधियों द्वारा तय किया जा रहा है. 


'खान को लोकप्रियता तो मिली, लेकिन इसका ज्‍यादा असर नहीं'
एक वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक जावेद सिद्दीकी कहते हैं, "इमरान खान की ताकत और शक्ति केवल उनकी लोकप्रियता है, जिसे वह जनता के बीच एंजॉय करते हैं. उनकी लीडरशिप को पार्टी में उनके दाएं और बाएं सेकेंडरी अथॉरिटी बनने की स्‍वीकारोक्ति नहीं है. यही चीज आज उनकी कमजोरी साबित हुई है." सिद्दीकी ने कहा, "अब वह अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वियों के सामने अकेले दिखाई दे रहे हैं, और अपने सुरक्षित भविष्‍य की बाट जोह रहे हैं."


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