Imran khan Convicted In Toshakhana Case: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और तहरीक-ए-इंसाफ़ पार्टी के प्रमुख इमरान खान को तोशाखाना मामले में तीन साल कैद की सजा सुनाई गई है. अदालत ने खान पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया गया है. सजा सुनाए जाने के बाद इमरान खान को पंंजाब पुलिस ने उनको उनके लाहौर स्थित घर से गिरफ्तार कर लिया.
इमरान खान को गिरफ्तार किए जाने की पुष्टी खुद उनकी पार्टी पीटीआई ने कर दी है. एक ट्वीट में पीटीआई ने बताया कि पूर्व पीएम इमरान खान को कोट लखपत जेल ले जाया जा रहा है. हालांकि गौर करने वाली बात यह है कि इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में इमरान खान और उनके वकील मौजूद नहीं थे.
पाकिस्तान की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मौजूदा प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ 9 अगस्त को संसद भंग कर देंगे, जिसके 90 दिनों के अंदर पाकिस्तान में आम चुनाव करा दिए जाएंगे. ऐसा कहा जा रहा है कि 3 साल की सजा मिलने के बाद इमरान खान अगले 5 सालों तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे.
'अपनी उम्मीदवारी के बारे में दी गलत जानकारी'
जिला और सत्र न्यायालय के न्यायाधीश हुमायूं दिलावर ने सजा सुनाते हुए कहा कि आरोपी ने चुनाव आयोग को अपनी उम्मीदवारी के सिलसिले में गलत ब्यौरा सौंपा था, इसलिए अदालत उसको भ्रष्ट आचरण का दोषी मानती है. जज ने अपने फैसले में कहा, आरोपी ने जान बूझकर अपनी संपत्ति छिपाई और उसको मिले उपहारों के बारे में अदालत को गलत जानकारी दी, जिससे उसका कदाचार साबित होता है. जज ने उनको पाकिस्तान के चुनाव अधिनियम की धारा 174 के तहत सजा सुनाई है.
इमरान खान को जेल से किसको फायदा?
इमरान खान को तीन साल की सजा मिलने के बाद ऐसा कहा जा रहा है कि वह अगले 5 साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. बीते दिनों ही जब मौजूदा पीएम शाहबाज शरीफ ने अपने गठबंधन के साथियों के लिए डिनर आयोजित किया था तो उसी दिन ही उन्होंने संसद को भंग करने का इशारा कर दिया था. ऐसे में अगर संसद भंग होती है तो नियम के मुताबिक भंग होने के 90 दिनों के भीतर पाकिस्तान में आम चुनाव हो जाएंगे.
बीते साल अप्रैल में जब से शाहबाज शरीफ सत्ता में आए हैं तब से ही उन पर आरोप लग रहे हैं कि वह अपने मुख्य राजनीतिक प्रतिद्वंदी इमरान खान को अलग-अलग आरोपों के जरिए जेल की सलाखों में डालने की कोशिश कर रहे हैं. इमरान अपने पद से हटाए जाने के बाद से ही सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि शाहबाज शरीफ सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करके उनके राजनीतिक करियर को खत्म करना चाहते हैं.
इमरान खान इसके पीछे का कारण बताते हुए कहते हैं कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि सरकार नहीं चाहती है कि वह चुनाव लड़ें. इमरान ने दावा किया कि क्योंकि शाहबाज जानते हैं कि पाकिस्तान की आवाम मेरे साथ है इसलिए वह मुझको मुकाबले से हटाने के लिए यह सब कर रहे हैं.
राजनीतिक-आर्थिक अस्थिरता से गुजर रहा है पाकिस्तान
कोविड के बाद आई वैश्विक मंदी ने पाकिस्तान की आर्थिक रफ्तार को लगभग-लगभग तोड़ दिया है. अपने आर्थिक हालात सुधारने के लिए वह लगातार कोशिशें कर रहा है लेकिन बीते साल अप्रैल 2022 में इमरान खान को उनके पद से अपदस्थ करने के बाद से ही पाकिस्तान राजनीतिक अस्थिरता का भी सामना कर रहा है.
वहां के राजनीतिक हाल मई 2022 में गृहयुद्ध के मुहाने पर पहुंच गये थे जब पंजाब पुलिस ने इमरान खान को गिरफ्तार किया था. पाकिस्तान के अलग-अलग शहरों में पीटीआई समर्थकों ने इमरान की गिरफ्तारी के विरोध में जमकर हंगामा किया था. इतना ही नहीं इस गुस्से का शिकार पाकिस्तान की फौज भी बनी थी, भीड़ ने फौज के अफसरों के घर पर भी हमला कर दिया था.
फौज के खिलाफ लोगों का यह गुस्सा तब फूटा था जब इमरान खान ने नाम लेकर कहा था कि फौज शाहाबाज शरीफ के साथ मिलकर उनको रास्ते से हटाने की कोशिश कर रही है.