नई दिल्ली: आज से स्विट्जरलैंड में वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम की 50 वीं सालाना बैठक शुरू हो रही है. इस बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी शिरकत कर रहे हैं और इस बैठक में उनका सबसे बड़ा एजेंडा है पाकिस्तान की औंधे मुंह गिरती अर्थव्यवस्था और सुरसा की तरह बढ़ी महंगाई पर कुछ राहत मांगना. पाकिस्तान पहले ही खुद को ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने के लिए अमेरिका से अपील कर चुका है. दरअसल महंगाई ने पहले ही पाकिस्तान में हाहाकार मचा रखा था अब ताजा हालात ये हैं कि पाकिस्तान में आटे के दाम भी आग लग चुकी है. आलम ये है कि गरीब जनता को दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं हो रही है.


पाकिस्तान में सब्जी, टमाटर और दूध के बाद अब आटे के दाम में आग लग गई है. पूरे देश में गेहूं के आटे की किल्लत पैदा हो गई है. लाहौर, कराची समेत पाकिस्तान के कई शहरों में आटा 70 से 75 रुपये किलो बिक रहा है, जो पाकिस्तान के इतिहास में आटे का सबसे महंगा दाम है. इमरान खान के सत्ता में आने के बाद से अकेले आटा ही 20 रु तक महंगा हो चुका है.


सबसे बड़ा आटा संकट पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत में बताया जा रहा है. यहां महंगे आटे की वजह से दुकानों पर ताला पड़ना शुरू हो गया है. खैबर पख्तूनख्वाह के पेशावर में ये चलन है कि लोग नान खरीदकर खाते हैं और यही वजह कि पूरे शहर में ढाई हजार से भी ज्यादा नान बनाने की दुकाने हैं. लेकिन नान इतनी महंगी पड़ने लगी कि दुकान के शटर गिराने पड़ रहे हैं.


पाकिस्तान में आटे को लेकर मचे हाहाकार के बीच इमरान खान ने रोटी के दुकानदारों के लिए फरमान जारी किया कि वो सरकार की ओर से निर्धारित कीमतों पर ही रोटी की बिक्री करें. फरमान से नाराज दुकानदारों ने घाटा उठाने की बजाय दुकान बंद करने का फैसला किया.


KFC ने अश्लील एड के लिए मांगी माफी, कहा- किसी को दुख पहुंचाना उद्देश्य नहीं


2013 में पेशावर में 170 ग्राम आटे से बने नान की कीमत दस रुपये की गई थी जो अब तक नहीं बढ़ी है. जबकि आटे के दाम कई बार बढ़ चुके हैं. पाकिस्तान में आटे की किल्लत का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि सोमवार को इमरान खान सरकार ने तीन लाख टन गेहूं के आयात को मंजूरी दी है.


लेकिन इमरान खान का ये फैसला भी सवालों के घेरे में आ गया है क्योंकि आरोप लग रहा है कि गेहूं के आयात का फैसला लेने में भी इमरान खान ने देर कर दी है. तीन लाख टन गेहूं के आयात की पहली खेप 15 फरवरी तक पाकिस्तान पहुंचेगी. पाकिस्तान का हाल अंधेर नगरी चौपट राजा वाला हो चुका है. पाकिस्तान के अर्थशास्त्री और विपक्षी इमरान खान सरकार पर तीखे हमले कर रहे हैं और पूछ रहे हैं कि कृषि प्रधान देश पाकिस्तान जो पिछले साल तक दूसरे देशों में अपना गेहूं निर्यात कर रहा था उसे अपना ही पेट भरने के लिए हाथ क्यों फैलाने पड़ रहे हैं


पाकिस्तान अखबर डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो ने आरोप लगाया है कि आटे की किल्लत इसलिए क्योंकि इमरान सरकार ने 40 हजार टन गेहूं अफगानिस्तान भेज दिया. लेकिन पाकिस्तान में आटा संकट पर जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान में आटा गायब इसलिए हुआ क्योंकि पेट्रोल के बढ़े हुए दाम को लेकर पिछले महीने खैबर पख्तूनख्वाह और सिंध के ट्रांसपोर्टर हड़ताल पर चले गए थे.
जिसकी वजह से स्थानीय बाजारों तक गेहूं पहुंच ही नहीं पाया.

किल्लत की दूसरी वजह पाकिस्तान के प्रांतों का आपसी झगड़ा भी है जिसमें वो एक प्रांत से दूसरे प्रांत में गेहूं की सप्लाई की इजाजत नहीं देते. पाकिस्तान के सूबों की सरकार का कहना है कि गेहूं की किलल्त के पीछे अफगानिस्तान में गैरकानूनी तरीके से गेंहूं की सप्लाई होना वजह है.


इराक की राजधानी बगदाद में फिर हमला, अमेरिकी दूतावास के पास दागी गई तीन रॉकेट


पिछले दो हफ्तों में ऐसा दूसरी बार हुआ है जब पाकिस्तान में आटे की कीमतों में इजाफा हुआ है. कंगाली में पाकिस्तान का आटा गीला हो चुका है. सिर्फ आटा ही नहीं चीनी से लेकर गैस और सब्जी से लेकर तेल तक कोई सामान ऐसा नहीं है जिसके दाम आसमान पर ना पहुंच गए हो. इमरान खान के सत्ता में आने के बाद से चीनी के दाम में 50 फीसदी बढ़ोतरी हो चुकी है. पाकिस्तान में चीनी 80 रुए किलो बिक रही है. पाकिस्तान की जनता के जीवन में इमरान ने इतनी कड़वाहट घोल दी है. 8 लाख करोड़ के विदेशी कर्ज में डूबे पाकिस्तान में महंगाई दर 12.63 फीसदी पहुंच चुकी है.


जनवरी और फरवरी महीने में महंगाई के और बढ़ने की आशंका है. महंगाई दर ने सबसे बुरा हाल पाकिस्तान की गरीब जनता का किया है जिसके लिए अब पेट भरना भी नामुमकिन होता जा रहा है. लेकिन पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख रशीद से सवाल करो तो वो ये तो मानते हैं कि पाकिस्तान में महंगाई चरम पर है लेकिन साथ में ये भी कहते हैं कि पाकिस्तान का भला इमरान भी कर सकते हैं.


अपने देश में इस आटा संकट के बीच उनके प्रधानमंत्री इमरान खान विश्व आर्थिक मंच की बैठक में स्विट्जरलैंड पहुंचे हैं उनके देश को इमरान से उम्मीदें होंगी कि वो पाकिस्तान के लिए कोई राहत लेकर आएं लेकिन फिलहाल पाकिस्तान में कंगाली का संकट जल्द दूर होने के कोई आसार नहीं दिख रहे.