(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
18 अरब डॉलर के जुर्माने के डर से पाकिस्तान ने ईरान के साथ ये डील की फाइनल
Pakistan-Iran Relations: परियोजना को समय पर पूरा करने में विफल रहने पर 18 अरब डॉलर के संभावित जुर्माने के डर से पाकिस्तान को कई वर्षों की देरी के बाद काम शुरू करने के लिए मजबूर होना पड़ा है.
Pakistan-Iran Relations: पाकिस्तान सरकार ने आखिरकार ईरान-पाकिस्तान (आईपी) गैस पाइपलाइन के अपने खंड पर निर्माण कार्य शुरू करने की मंजूरी दे दी है. इससे नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी. अंतरिम सरकार की ऊर्जा पर मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीओई) ने पाकिस्तान के अंदर 80 किलोमीटर के खंड के पहले चरण के लिए कई वर्षों की देरी के बाद मंजूरी दी.
आधिकारिक बयान के अनुसार, 'पाकिस्तान सरकार ने ईरान-पाकिस्तान (आईपी) गैस पाइपलाइन के अपने खंड पर निर्माण कार्य शुरू करने की मंजूरी दे दी है.' समिति ने पेट्रोलियम डिवीजन की सिफारिश पर कार्य करते हुए प्रारंभिक चरण में पाकिस्तान-ईरान सीमा से शुरू होकर बलूचिस्तान प्रांत के बंदरगाह शहर ग्वादर तक परियोजना की शुरुआत का समर्थन किया है.
बयान के अनुसार, 'सभी संबंधित प्रभागों ने पाकिस्तान की जनता को गैस आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए सकारात्मक मंजूरी दी, जिससे देश की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा किया जा सके.' पाकिस्तान की इंटरस्टेट गैस सिस्टम्स (प्राइवेट) लिमिटेड इस परियोजना को निष्पादित करने के लिए तैयार है, जिसे गैस इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सेस (जीआईडीसी) के माध्यम से वित्तपोषित किया जाएगा.
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने सप्ताह की शुरुआत में रिपोर्ट दी थी कि परियोजना को समय पर पूरा करने में विफल रहने पर 18 अरब डॉलर के संभावित जुर्माने के डर से पाकिस्तान को कई वर्षों की देरी के बाद काम शुरू करने के लिए मजबूर होना पड़ा है. अंतरराष्ट्रीय अदालतों में मुकदमेबाजी से बचने के उद्देश्य से ईरान ने सितंबर 2024 तक 180 दिन का विस्तार दिया है.
विशेषज्ञों ने कहा कि यदि पाइपलाइन परियोजना से संबंधित अपने अधिकारों की रक्षा के लिए ईरान कानूनी कार्रवाई करता तो दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध तनावपूर्ण हो सकते थे.
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