एफएटीएफ की 'ग्रे लिस्ट' में अपनी मौजूदगी को लेकर कन्फूजन में है पाकिस्तान, मीडिया रिपोर्ट्स को बताया ‘फर्जी’
पाकिस्तान ने खुद को एफएटीएफ की 'ग्रे सूची' में बरकरार रखने को लेकर मीडिया में आयी खबरों को ‘फर्जी’ बताया है. पाकिस्तान का विदेश विभाग मीडया का कहना है कि संबद्ध संस्था की डिजिटल बैठक में कोई नया फैसला नहीं लिया गया है.
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इस्लामाबादः पाकिस्तान ने खुद को एफएटीएफ की 'ग्रे सूची' में बरकरार रखने को लेकर मीडिया में आयी खबरों को ‘फर्जी’ करार देते हुए कहा कि संबद्ध संस्था की डिजिटल बैठक में कोई नया फैसला नहीं लिया गया है. पाकिस्तान का विदेश विभाग मीडया में आयी उन खबरों पर प्रतिक्रया दे रहा था.
जिनमें कहा गया है कि पेरिस की संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने बुधवार को अपनी पूर्ण बैठक के अंतिम दिन तय किया कि पाकिस्तान को ग्रे सूची (संदिग्ध सूची) में ही रहने दिया जाए क्योंकि वह लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों को मिलने वाले धन पर रोक लगाने में असफल रहा है.
वहीं, दिल्ली में भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बृहस्पतिवार को कहा था कि एफएटीएफ की ग्रे सूची में पाकिस्तान का बरकरार रहना हमारे रूख की पुष्टि करता है कि उसने अपनी धरती से गतिविधियां चलाने वाले आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है.
विदेश मंत्रालय की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान के विदेश विभाग ने कहा कि भारत के अधिकारी 'भारतीय मीडिया में आयी झूठी खबरों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे.' विदेश विभाग ने कहा कि एफएटीएफ की डिजिटल बैठक में कोई नया फैसला नहीं लिया गया है.
क्या है एफएटीएफ?
एफएटीएफ टेरर फंडिंग पर नजर रखने वाली संस्था है. यह आतंकवादियों के लिए पैसा मुहैया कराने वालों पर नजर रखने वाली एजेंसी है. कोई भी देश इसकी 'ग्रे लिस्ट' में नहीं आना चाहता है. एफएटीएफ का गठन 1989 में हुआ था. कई देश इसके सदस्य हैं. अंतराराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था को साफ-सुथरा बनाए रखना इस संस्थान का मकसद है.
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