कराची: पाकिस्तान 'चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरीडोर' (सीपीईसी) के तहत लागू की जाने वाली परियोजनाओं की समीक्षा कर रहा है ताकि बलूचिस्तान प्रांत में लोगों के हितों की रक्षा की जा सके. यह बात प्रधानमंत्री इमरान खान ने कही है. 50 अरब डॉलर (61,48,25,00,00,000 पाकिस्तानी रुपए) की लागत वाले सीपीईसी की शुरुआत 2015 में की गई थी जिसके तहत चीन के संसाधन समृद्ध शिंजियांग उईगर स्वायत्तशासी क्षेत्र को पाकिस्तान के सामरिक बंदरगाह ग्वादर से सड़क, रेलमार्ग और ऊर्जा परियोजनाओं के माध्यम से जोड़ा जाना है.


खान ने क्वेटा के दौरे में शनिवार को बलूचिस्तान कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता की जिसके बाद उन्होंने सीपीईसी परियोजनाओं पर बयान दिए. सीपीईसी परियोजनाओं में पारदर्शिता के अभाव और भ्रष्टाचार को लेकर खान पहले भी पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की आलोचना कर चुके हैं.


खान ने कहा कि सीपीईसी परियोजनाओं की समीक्षा की जा रही है ताकि बलोच लोगों की चिंताओं और आपत्तियों का समाधान किया जा सके. उनका कहना है कि परियोजनाएं उनके लिए लाभकारी नहीं हैं. प्रांत में सीपीईसी परियोजनाओं को लेकर वहां की सरकारें भी आपत्तियां उठाती रही हैं.


बीआरआई का हिस्सा है सीपीईसी
सीपीईसी चीन के बीआरआई योजना के तहत पाकिस्तान में किया जाने वाले विकास कार्यों को दिया गया नाम है. बेल्ट एंड रोड (बीआरआई) चीन के इतिहास की सबसे महत्वकांक्षी योजना है. इसके तहत 'ड्रैगन' विश्व भर में अपना प्रभुत्व कायम करना चाहता है. पश्चिमी जगत की मीडिया के अनुसार चीन इस परियोजना में खरबों रुपयों का निवेश दो वजहों से कर रहा है. एक तो विश्व भर में अपना प्रभुत्व कायम करने के अलावा चीन इसके सहारे अपनी धीमी पड़ती अर्थव्यवस्था में भी नई जान फूंकना चाहता है. वहीं दूसरा, उनका ये भी मानना है कि पहले से विश्वभर में हो रहे चीनी निवेश और बढ़ते प्रभुत्व को बीआरआई के रूप में बस एक नया नाम दे दिया गया है.


ब्रिटेन के भरोसेमंद मीडिया हाउस में शुमार द गार्डियन में छपी एक रिपोर्ट में लिखा है कि जब शी जिनपिंग चीन के राष्ट्रपति बने उसके बाद उन्होंने एशिया, अफ्रीका और यूरोप को जोड़ने की एक महत्कांक्षी परियोजना की घोषणा की. इसी परियोजना को परिभाषित करने के लिए मौटे तौर पर बीआरआई का नाम स्वीकार किया गया जिसके तहत वो सारी आर्थिक और भू-राजनीतिक बातें आ जाएं जो चीन के नेतृत्व में हो रही हैं. बेल्ट एंड रोड जिसे चीनी भाषा में या डाई यी लू कहेंगे, चीन का 21वीं सदी का सिल्क रोड है. इसका मतलब व्यापार के उन जमीनी गलियारों और समुद्री मार्ग से है जिसके रास्ते व्यापार को आसान बनाने की तैयारी है.


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